अयोध्या में दीपोत्सव से पहले शुरू हो सकती हैं ‘रामायण क्रूज’ सेवाएँ, क्रूज पर सुनाई पड़ेगी रामचरितमानस की चौपाइयां

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर के निर्माण से पहले ही रामभक्तों को रामायण क्रूज का आनंद मिलेगा।

लग्जीरियस क्रूज पर भक्तों को रामचरितमानस की चौपाइयां सुनाई पड़ेगी। इसके अलावा शॉर्ट फिल्म के जरिए भव्य दर्शन भी हो सकेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक क्रूज सेवाएं संभवत: दीपोत्सव से पहले शुरू हो जाएगी। रामायण क्रूज सेवा शुरू होने पर आगंतुक सरयू नदी पर परिभ्रमण का आनंद ले सकेंगे।

एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार रामायण क्रूज सेवा का संचालन राज्य पर्यटन विभाग के सहयोग से किया जाएगा।अलकनंदा क्रूजलाइन के निदेशक विकास मालवीय ने कहा कि वे अयोध्या में पवित्र सरयू नदी पर पहली बार लक्जरी क्रूज सेवा शुरू करने के लिए काफी रोमांचित हैं।

बता दें कि तत्कालीन केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसी साल 11 जुलाई को अयोध्या में सरयू नदी पर ‘रामायण क्रूज टूर’ सेवा के कार्यान्वयन के लिए आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी।

Review Meeting on Ramayana Cruise Services

यह उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी (घाघरा / राष्ट्रीय जलमार्ग -40) पर पहली लक्जरी क्रूज सेवा होगी। इसका उद्देश्य पवित्र सरयू नदी के प्रसिद्ध घाटों की यात्रा करते हुए श्रद्धालुओं को एक तरह की आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव प्रदान करना है।

क्रूज में वैश्विक स्तर के अनुरूप आवश्यक संरक्षा और सुरक्षा सुविधाओं के साथ-साथ लक्जरी और आराम की सभी सुविधाएँ मौजूद होंगी। क्रूज के अंदरूनी भाग और बोर्डिंग पॉइंट, रामचरितमानस की थीम पर आधारित होंगे। पूरी तरह से वातानुकूलित 80-सीटों वाले क्रूज में घाटों की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए कांच की बड़ी खिड़कियां होंगी। पर्यटकों के आराम के लिए, क्रूज रसोई और पेंट्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा। क्रूज में पर्यावरण पर ’शून्य प्रभाव’ के लिए जैव शौचालय और हाइब्रिड इंजन प्रणाली है।

पर्यटकों को 1-1.5 घंटे की अवधि के ‘रामचरितमानस टूर’ पर ले जाया जाएगा। यात्रा के दौरान गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस पर आधारित विशेष रूप से बनाई गई वीडियो फिल्म दिखाई जायेगी, जिसमें भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक तक की कथा होगी। पूरी यात्रा में लगभग 15-16 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी। रामायण के विभिन्न प्रसंगों से प्रेरित कई गतिविधियाँ और सेल्फी पॉइंट होंगे। यात्रा के बाद सरयू आरती होगी, जिसमें प्रत्येक यात्री सक्रिय रूप से भाग ले सकेगा।

अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है, जैसा महान भारतीय महाकाव्य रामायण में वर्णित है। यह हिंदुओं के लिए सात सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों (मोक्षदायिनी सप्त पुरी) में से पहला है। यूपी पर्यटन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में लगभग 2 करोड़ पर्यटक अयोध्या आये थे। राम मंदिर के निर्माण के के बाद, अनुमान है कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

‘रामायण क्रूज टूर’ न केवल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि यह क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय क्रूज सेवा के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक अवसंरचना सहायता प्रदान करेगा। 

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