भोपाल: भोपाल में बीते रविवार को मुस्लिम भीड़ ने एक आरएसएस कार्यकर्ता की बेरहमी से जान ले ली। मरने वाले कार्यकर्ता का नाम राजेश फूलमली बताया जा रहा है जिसने सीता माता पर आपत्तिजनक पोस्ट किये जाने पर मुस्लिम समुदाय से आने वाले कुछ युवको पर पुलिस में FIR दर्ज कराई थी। FIR दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था लेकिन जल्द ही उन्हें छोड़ दिया गया। छूटने के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगो ने राजेश को धमकाना शुरू कर दिया था।
जिसके बाद बीते 18 मई को राजेश फूलमली की मवेशी चराने के मुद्दे को बहाना बनाकर दीपाला गाँव की मुस्लिम भीड़ ने मार मार कर हत्या कर दी। आपको बता दे कि यह गाँव मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। हमले में बुरी तरह घायल हुए राजेश को पास के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से इस 28 साल के युवा राजेश की हालत गंभीर होने पर इंदौर रेफर कर दिया गया। अस्पताल में दो हफ्ते तक ज़िन्दगी व मौत से लड़ते हुए आख़िरकार राजेश ज़िन्दगी की जंग हार गए जिसके बाद मामला मीडिया में आया।
हमले में राजेश के साथ उसकी बहन शिला व उसके मित्र पवन सोलंकी को भी मुस्लिम भीड़ ने पिट पिट कर बुरी तरह घायल कर दिया। वहीं मामले से अपना पलड़ा झाड़ने के चक्कर में पुलिस ने इसे मोब लिंचिंग मानने से ही मना कर दिया। पुलिस को डर है कि कही समय पर कार्यवाई न करने को लेकर सरकार उनके खिलाफ ही कार्यवाई न कर दे। साथ ही मामला हो जाने के बाद हरकत में आई पुलिस ने आनन फानन में 24 लोगो जिनमे सरफ़राज़, सलमान, शाबिर, अरमान, शाकिर, आसिफ, अब्दुल, अमिन, बरकत, वहीद, रेहमान, वहीद, सोनू, सादिक़, इरशाद, प्रवेश व युसूफ शामिल है उनको हिरासत में ले लिया है।
वहीं ऑर्गनाइज़र मैगज़ीन को दिए अपने बयान में राजेश के बड़े भाई मनोज ने बताया कि “मेरे भाई को मुसलमानो ने मार डाला”। उनके अनुसार एक निर्धारित तय योजना के तहत इस वारदात को अंजाम दिया गया था। आगे मनोज ने बताया कि 22 अप्रैल को एक मुस्लिम युवक द्वारा फेसबुक पर सीता माता के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किये जाने पर राजेश ने 29 अप्रैल को रामनगर थाने में FIR दर्ज करवाई थी जिसके बाद से उसे आरोपियों कि ओर से लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही थी।
आगे राजेश ने बताया कि जिस दिन से उन लोगो को पुलिस ने छोड़ा था तभी से वो सब लोग मेरे भाई को जान से मारने की धमकी दे रहे थे जिसपर पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं करी। रोते हुए मनोज के आंसू मानो उस दिन का सारा मंजर बता रहे हो। उन्होंने बताया कि “राजेश की 15 महीने की छोटी सी बिटिया है जो ठीक से बोल भी नहीं सकती, मैं उसे क्या बोलूंगा जब वह पूछेगी की उसके पापा कहाँ है”।
इस हमले में भीड़ ने महिलाओ को भी नहीं छोड़ा व राजेश की बहन शीला को भी बुरी तरह मार मारकर अधमरा कर दिया। वहीं गाँव के लोगो ने सब इंस्पेक्टर PC शिंदे को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इनकी अनदेखी की वजह से आरएसएस कार्यकर्ता की जान चली गई।
राजेश को इन्साफ न मिल पाने का एक कारण यह भी कि न तो उनका वीडियो ही बन पाया और न ही सोशल मीडिया पर वायरल हो पाया। शायद अब तभी भारत में इन्साफ दिया जाएगा जब किसी बर्बरता का वीडियो वायरल होकर सरकार के कदमो में आ गिरेगा।
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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!