नई दिल्ली :- 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले से सबरीमाला मंदिर में 10-50 आयु वर्ग के बीच महिलाओं को अनुमति देने की पुरानी प्रथा को तोड़ दिया था।
तब से आज तक सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बहुत बड़ी मात्रा में विरोध हो रहा है। बीजेपी के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मंदिर में 10-50 आयु वर्ग के बीच महिलाएं प्रवेश न करें, इसके लिए उनके आधार कार्ड पर उनकी जन्मतिथि देखकर अंदर जाने दिया जा रहा है। जब कुछ महिलाएं पुलिस के साथ अंदर गयीं तो वहां के पुजारी ने मदिर के कपाट बंद कर दिए, जिस पर पुलिस ने कहा कि हम बस महिलाओं को सुरक्षा दें सकते हैं परन्तु दर्शन कराना तो पुजारी का काम है।
वहीँ कल बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर बरसते हुए कहा कि “वह सबरीमाला मुद्दे के साथ खिलवाड़ न करें, नहीं तो बीजेपी उनकी सरकार को उखाड़ देगी”। सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला पर आये आदेश के ऊपर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि अदालत को ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए जो लोगों की धार्मिक आस्था के खिलाफ हों और जिन्हें लागू न किया जा सके।
लेकिन बीते शनिवार को ही केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा कि “अमित शाह का यह बयान सुप्रीम कोर्ट और संविधान के खिलाफ है”।