पख्तिया: तालिबान द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के पख्तिया में एक गुरुद्वारे में सिख धर्म के धार्मिक झंडे निशाने साहिब के उखाड़ने की घटना सामने आई है जिसका सिख संगठनों ने पुरजोर विरोध किया है।
घटना पक्तिया प्रांत की है जहाँ गुरुद्वारा थाला साहिब, चमकानी की छत पर लगे सिख धार्मिक ध्वज निशाने साहिब को कथित तौर पर तालिबान द्वारा उखाड़ दिया गया।
सामुदायिक मामलों की देखरेख करने वाले एक अफगान सिख चरण सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए मीडिया को बताया कि स्थानीय कार्यवाहक को शुरू में आतंकवादी बलों द्वारा निशान साहिब को हटाने की चेतावनी दी गई थी। बाद में, आतंकवादी उसके साथ गए और बलपूर्वक पवित्र ध्वज को हटा दिया।
वहीं इस घटना का भारत सरकार ने भी विरोध जताया है। सरकारी सूत्रों ने कहा “हमने अफगानिस्तान के पक्तिया प्रांत में गुरुद्वारा थाला साहिब, चमकानी की छत पर लगे सिख धार्मिक ध्वज निशान साहिब पर मीडिया रिपोर्ट्स को देखा है।”
सूत्रों ने आगे कहा “हम इस कृत्य की निंदा करते हैं और भारत के दृढ़ विश्वास को दोहराते हैं कि अफगानिस्तान का भविष्य ऐसा होना चाहिए जहां अल्पसंख्यकों और महिलाओं सहित अफगान समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा हो।”
उधर घटना का सिख समूहों ने भी विरोध जताया है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि तालिबान ने निशान साहिब को ऐतिहासिक गुरुद्वारा थाला साहिब से हटा दिया, जहां श्री गुरु नानक देव जी आए थे। यह कृत्य अफगानिस्तान में सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरे को दर्शाती है।
सिरसा ने आगे कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर जी से अफगानिस्तान में अपने समकक्षों के साथ जल्द से जल्द इस मुद्दे को हल करने का आग्रह करते हैं।
बता दें कि बीते साल अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत पख्तिया में ही अफगान सिख निदान सिंह सचदेवा का अपहरण कर लिया गया था।