अशोकनगर(मध्य प्रदेश): अशोकनगर जिले के कदवाया गांव में अपने सुपरवाइजर द्वारा एससी एसटी की धमकी से तंग आकर एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने खुदकुशी का प्रयास किया। अशोकनगर जिले के इसागढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव कदवाया की रहने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चंदा ओझा (32वर्ष) को उसकी सुपरवाइजर रजनी वालू ने इस कदर प्रताड़ित किया और एससी एसटी एक्ट में फसाने की धमकी दी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने तंग आकर खुदकुशी का प्रयास किया।
वसूली लिस्ट गलती से व्हाटसएप ग्रुप में पोस्ट करना सहायिका को पड़ा भारी
कदवाया के आंगनबाड़ी सुपर वाइजर रजनी बालू अकसर अपनी सहायिकाओं से वसूली करती थी। जिसके तहत वह हर माह 200 रूपए वसूला करती थी। इसी वसूली की रसीद की फोटो खींचकर चंदा ओझा ने आंगनवाड़ी के ग्रुप में भेज दी थी जिसपर सुपरवाइज़र ने उसे एससी एसटी एक्ट में फ़साने की धमकी भी दी थी। वहीं रजनी उसे अकसर प्रताड़ित करती रहती थी। साथ ही चंदा महिला द्वारा वसूली जा रही राशि का भी विरोध पीड़िता करती थी।
एक दिन पहले सोशल मीडिया पर स्टेटस डाला
आत्महत्या के प्रयास के एक दिन पहले शुक्रवार रात लगभग 9.43 बजे अपने व्हाट्सप्प पर डाले गए स्टेटस में आंगनवाड़ी वर्कर ने लिखा कि,”आज मन बहुत उदास है मेरे अधिकारी मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं, इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रही हूं,वो मुझे दबाकर रखना चाहते हैं मुझे धमकी दे रहे हैं, मै इस तरह से नहीं जी सकती, अच्छा है कि मै मर जाऊ”
स्टेटस मे डाली फांसी के फंदे की तस्वीर
आंगनवाड़ी वर्कर ने खुदकुशी की कोशिश करने से ठीक पहले फांसी के फंदे के साथ एक तस्वीर भी अपने सोशल मीडिया स्टेट्स पर डाली थी। जिससे पास के ही दूसरे गांव की महिला कार्यकर्ताओं को उसके इस कदम के बारे में जानकारी लगी और वो तुरंत मौके पर पहुंची और महिला कार्यकर्ता की जिंदगी बचा ली। बचाने वाली महिलाओ ने बताया कि पीड़िता फांसी पर झूल रही थी जिसे समय रहते नीचे उतार लिया गया था।
सुपरवाइजर को अवैध वसूली न देने पर लगता है 2000 का फाइन
पीड़िता ने बताया कि सुपरवाइजर रजनी वालू हर महीने 200 रुपए की वसूली करती है और मना करने पर 2000 रुपए फाइन लगाने की बात करती है। जब पीड़िता के द्वारा गलती से 4 जनवरी को वसूली का लिस्ट एक व्हाटसएप ग्रुप में लीक हो गया तो एससी एसटी एक्ट के मुकदमे में फसाने की धमकी देने लगी और उसे ग्रुप से हटा दिया। वहीं 4 तारीख को हुई मीटिंग से भी उसे एससी एसटी एक्ट की धमकी देकर जलील कर बाहर कर दिया गया था। जिससे आहत होकर आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठाने का प्रयास किया।
पिछले 10 साल से है आंगनवाड़ी वर्कर
पीड़िता चंदा ओझा पिछले 10 साल से आंगनवाडी वर्कर है लेकिन वर्तमान सुपरवाइजर रजनी वालू ने उसका एससी एसटी एक्ट की आड़ में इतना आर्थिक व मानसिक शोषण किया कि वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो गई।
अधिकारियों ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
जिला कार्यक्रम अधिकारी जयंत वर्मा का इस पूरे मामले पर कहना है कि यदि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रताड़ना का शिकार हो रही थी, तो उसे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में सूचित करना था। मामले की जानकारी मुझे अब मिली है पूरी जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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