नई दिल्ली – एससी एसटी पदोन्नति आरक्षण मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब पेश किया है, केन्द्र ने कहा कि एससी एसटी को पदोन्नति में मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने से स्थिति बिगड़ सकती हैं।
इतना ही नही पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में कई याचिकाएं भी दाखिल की जा सकती है।
केन्द्र सरकार का डर
कथित तौर पर सवर्णों की पार्टी कही जाने वाली भाजपा पूरी तरह से आरक्षण का बचाव करती नजर आ रही हैं और साथ ही केन्द्र सरकार को एक बड़ा डर भी सता रहा है। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ के समक्ष जवाब देते हुए कहा कि अगर पदोन्नति मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण खत्म कर दिया जाता है तो कर्मचारियों में भारी असंतोष की स्थिति पैदा हो जायेगी।
केन्द्र सरकार ने कोर्ट में अपने अधीन आने वाले 70 से ज्यादा मंत्रालयों के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि कुल 27,55,430 कर्मचारियों में से 4,79,301 कर्मचारी एससी और 2,14,738 कर्मचारी एसटी के हैं।
वही केन्द्र सरकार का मानना है कि पदोन्नति में आरक्षण देने से सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी में भी वृद्धि होगी।
Kapil reports for Neo Politico Hindi.