नई दिल्ली: सनातन हिन्दू धर्म की आस्था से जुड़े रामायण कालीन प्राचीन रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने की संभावना है।
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल का मत है कि राम सेतु विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया के एक इंटरव्यू में मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा, “राम सेतु को अब राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की जा रही है। व्यक्तिगत स्तर पर, मेरा मानना है कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाना चाहिए। हमारे पास अभी तक जो भी ज्ञान है, उसे वास्तव में विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इस पर व्यापक शोध की जरूरत है और जो पहले से ही चल रहा है।”
हालांकि, पटेल ने कहा कि यह देखना बाकी है कि इस संबंध में औपचारिक घोषणा कैसे की जाती है। उन्होंने कहा, “मैं इस पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मामला विचाराधीन है।”
रामसेतु के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए शोध को मंजूरी:
गौरतलब है कि जनवरी 2021 में ही रामसेतु के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने एक रिसर्च को अनुमति दी गई थी। उस रिसर्च को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशियानोग्राफी के वैज्ञानिक करेंगे।
रिसर्च का मकसद यह पता लगाना होगा कि आखिर राम सेतु बना कैसे, राम सेतु की आयु, और कैसे इसका निर्माण किया गया था, यह निर्धारित करने के लिए एक अंतर्जलीय परियोजना इस साल शुरू की जा रही है।
रामसेतु से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं:
राम सेतु से जुड़े शोध को भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (ASI) की मंजूरी पर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने साफ किया था कि एएसआइ ने सीएसआइआर से जुड़ी संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी (NIO) को सिर्फ शोध की मंजूरी दी है, इसमें रामसेतु से ना तो किसी तरह की छेड़छाड़ की जायेगी। और न ही उसके अस्तित्व पर कोई असर पडे़गा।
उन्होंने कहा था कि रामसेतु सदा से ही हमारे लिए पौराणिक, इतिहासिक और पुरातात्विक रहा है और हमेशा रहेगा रामसेतु हमेशा से ही हमारी धार्मिक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक हैं।