बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में AIMIM प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी के खिलाफ साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में केेस दर्ज किया गया है।
ज्ञात हो कि असदुद्दीन ओवैसी तीन दिन दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे के बीच गुरुवार को बाराबंकी पहुंचे थे जहां उन्होंने एक सभा को संबोधित किया था।
इसी सभा को लेकर ओवैसी पर आरोप लगे कि उन्होंने कोविड-19 गाइड लाइन का उल्लंघन किया और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला भाषण दिया। इसी क्रम में ओवैसी व कार्यक्रम आयोजक मंडल के खिलाफ नगर कोतवाली थाने में धारा 153A, 188, 269, 270 और महामारी अधिनियम 3 के तहत दर्ज मामला किया गया।
प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि करते हुए बाराबंकी एसपी ने बताया कि बाराबंकी में एक कार्यक्रम के दौरान, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने COVID मानदंडों और अनुमति दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ा दीं। ओवैसी ने एक खास समुदाय को भड़काने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भड़काऊ भाषण दिए।
एसपी के मुताबिक ओवैसी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। आईपीसी और महामारी रोग अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि इस मामले को दरियाबाद से भाजपा विधायक सतीश शर्मा ने उठाया था और अपर मुख्य सचिव (गृह), उत्तर प्रदेश को एक शिकायती पत्र लिखा था।
सतीश चन्द्र शर्मा ने बताया था कि 09 सितम्बर को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा बाराबंकी शहर में समय दोपहर 01 से 02 बजे के मध्य, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने अधिकारी के माध्यम से 100 साल पुरानी रामसनेहीघाट की मस्जिद शहीद करा दी, यह बयान घोर निन्दनीय एवं साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला है, जबकि अवैध ढांचा संवैधानिक प्रक्रिया के तहत गिराया गया है।
विधायक ने यह भी कहा था कि यह मीटिंग बिना अनुमति के की गयी है।