वाशिंगटन (US): श्रम दिवस पर अमेरिका ने चीन में मुस्लिमों के उत्पीड़न पर पोल खोली है।
चीन दुनिया भर में अल्पसंख्यक समुदायों ख़ासकर मुसलमानों के दमन का केंद्र बना हुआ है। इसी दावे को और मजबूत करने के लिए श्रम दिवस पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस भी सामने आई है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन आर्टेगस ने श्रम दिवस पर मीडिया ब्रीफ़िंग में सबसे पहले अमेरिका और दुनिया के लिए अमेरिका के मेहनती पुरुषों और महिलाओं के योगदानों की सराहना की।प्रवक्ता ने कहा कि “हम यह सुनिश्चित करना जारी रखेंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की सबसे मजबूत और सबसे गतिशील अर्थव्यवस्था बनी रहे।”
आगे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीन में सत्ताधारी पार्टी द्वारा अल्पसंख्यक उइगर मुसलमान श्रमिकों के शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि “किसी को भी उनकी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। फिर भी, सीसीपी (चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी) कठिन परिस्थितियों में उइगर, जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के लोगों को काम करने के लिए राजी करती है, मजबूर करती है व उन्हें नजरबंद भी करती है।”
आगे प्रवक्ता ने चीन को उनके यहां अल्पसंख्यक समुदाय के श्रम उत्पीड़न बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा कि “अब बहुत हो गया है। हम CCP को बंधुआ मजदूरी के उपयोग को समाप्त करने का आह्वान करते हैं।”
अंत में प्रवक्ता ने चीन में अमानवीय प्रथाओं को उजागर करते हुए कहा कि “हम गैलापागोस में मछली पकड़ने की घृणित प्रथाओं को खत्म करने, लाइसेंस के बिना मछली पकड़ने, और समुद्री जीवन की नकल करने को उजागर करने से संकोच नहीं करेंगे। चीन के निराशाजनक पर्यावरण रिकॉर्ड और वैश्विक कॉमन्स के दुरुपयोग के सभी प्रमुख उदाहरण जिन्हें 40 वर्षों तक अनदेखा किया गया है।”
Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’