14 अप्रैल को 500 से अधिक शहरो में होगा जातिगत नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन

नई दिल्ली : देश भर में जातिगत नीतियों को सड़क व सुप्रीम कोर्ट से चनौती देने वाली यूथ फॉर इक्वलिटी एक बार फिर से जातिगत व्यवस्था को उखाड़ फेकने के लिए मैदान में उतर रही है।

एससी एसटी एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना हो या शिक्षा के अधिकार को लागू करवाने का कार्य हो, दिल्ली में 17 हज़ार पेड़ो को कटने से बचाना हो या ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर लगवाना शामिल हो सभी तरह की जातिगत कुरीतियों से देश को बचाने के लिए सर्वप्रथम खड़ी होने वाली यह संस्था इस बार कोर्ट से बाहर सड़को पर जाति व्यवस्था पर वार करते दिखेगी।

देश भर में 14 अप्रैल को 500 से अधिक शहरों में एक साथ एक ही समय में एक जैसा प्रदर्शन करके यह संस्था सरकार को जोरदार सन्देश भेजने के लिए तैयार है।





युथ फॉर इक्वलिटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ कौशल कांत जी ने हमें फ़ोन वार्ता पर बताया कि उनकी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की एक टीम “CASTE ANNIHILATION BILL” पर कार्य कर रही है जिसे सरकार से दबाव डलवाकर संसद में पेश कराया जायेगा।

यह बिल देश भर में जाति हटाने के कारक के रूप में इस्तेमाल होगा जिससे आज के समय में पैदा हो रही विभिन्न समस्याओं का हल निकल सकेगा।

दिल्ली में संस्था ने इंडिया गेट को चुना है जिस पर शाम 6 बजे से एक कैंडल मार्च निकाला जायेगा लगभग ऐसा ही प्रदर्शन हर शहर में आपको देखने को मिलेगा, संस्था के आईटी सेल के अनुसार सभी शहरो के मुख्य स्थानों पर ठीक वैसा ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा।

  • कैसे पहुंचे अपने शहर में होने वाले प्रदर्शन में ?
    संस्था ने अपनी तरफ से दो नंबर बताये है जिसपर व्हाट्सप्प सन्देश छोड़ कर जाना जा सकता है की उनके शहर में कहाँ प्रदर्शन होगा। मोबाइल नंबर 8800454121 व 8077595720 पर सन्देश भेज कर आप जान सकेंगे की आपके शहर में कहाँ लोग एकत्रित होने वाले है।
+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

चुनाव आयोग महबूबा, फ़ारुख व उमर के चुनाव लड़ने पर लगा सकता है रोक, YFE का पत्र

Next Story

चिराग पर भड़के तेजस्वी, बोले ‘दलितों का आरक्षण छुड़ाने वाले ही आरक्षित सीट से प्रत्याशी

Latest from स्पेशल

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, शिक्षण संस्थानों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण को बताया असंवैधानिक

बिलासपुर– छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में 50% से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक बताया है, हाईकोर्ट…