नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद नौकरी प्राप्त करने के लिए कुल 1678 प्रवासी कश्मीर वापस लौट आए हैं।ये जानकारी केंद्र सरकार ने संसद में दी है।
लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार ने प्रवासी हिन्दुओं की पुश्तैनी सम्पतियों को वापस दिलाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं।
“जेएंडके माइग्रेंट इम्मूवेबल प्रापर्टी (प्रिजर्वेशन प्रोटेक्शन एंड रिस्ट्रेट ऑन डिस्ट्रेस सेल्स) एक्ट, 1997 के अंतर्गत, जम्मू और कश्मीर में संबंधित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) प्रवासियों की अचल सम्पतियों के कानूनी अभिरक्षक हैं, जो कब्जा होने के मामलों में खाली करने की कार्यवाहियों के संबंध में स्वतः कार्रवाई करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों में, प्रवासी भी जिला मजिस्ट्रेट से अनुरोध कर सकते हैं। जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) को ऐसी सम्पत्तियों की संरक्षा और सुरक्षा हेतु सभी उपाय करने का अधिकार भी प्राप्त है।
बयान में बताया गया है कि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई सूचना के अनुसार, अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री के विकास पैकेज -2015 के अंतर्गत नौकरी प्राप्त करने के लिए कुल 1678 प्रवासी कश्मीर वापस लौट आए हैं।
इसके अलावा जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई सूचना के अनुसार, 150 आवेदकों की भूमि वापस दिलाई गई है।
संपत्ति को उसके वास्तविक और मूल मालिक को वापस कराने को लेकर सरकार द्वारा इस संबंध में अब तक क्या अन्य उपाय किए गए हैं ? इस सवाल के जवाब में कहा गया कि इस संबंध में कश्मीरी प्रवासियों की शिकायतों का समाधान करने के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार ने दिनांक 07.09.2021 को एक पोर्टल शुरू किया है।