SC-ST एक्ट में 84 फीसदी मामले OBC पर व 14 फ़ीसद में सामान्य वर्ग का नाम हुआ जब्त

मध्य प्रदेश(ग्वालियर) : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा किये गए ताज़ा सर्वे में निकल कर सामने आया है की एससी एसटी एट्रोसिटीज एक्ट के तहत दर्ज किये गए मामलों में से 75 फीसदी मामले फर्जी पाए गए है। यह सर्वे उस वक़्त निकल कर सामने आया है जब कई सवर्ण संगठनो द्वारा पुरे देश भर में एससी एसटी एक्ट के विरोध में लगातार बड़े प्रदर्शन किये जा रहे है।

साथ ही एससी एसटी एक्ट के विरोध का सबसे व्यापक असर भी मप्र में ही देखने को मिला है जिसका असर नवंबर में राज्य में होने वाले चुनावो पर पड़ने के आसार है।

Pic credit : hari bhumi 

Advertise with Falana Dikhana at the cheapest price !

सर्वे को रिलीज़ करते हुए हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्श मुनी जी ने बताया की एससी एसटी एक्ट में दर्ज हुए कुल मामलों में से 84 प्रतिशत मामले सिर्फ ओबीसी वर्ग के लोगो पर दर्ज हुए है और 14 प्रतिशत मामले उच्च वर्ग के लोगो पर ही दर्ज हुए है वही 5 प्रतिशत मामलों में अल्पसंख्यकों को मुजरिम बनाया गया है।

सर्वे में मध्य प्रदेश से 2015-2016 के दौरान दर्ज हुए मामलों को शामिल किया है जिसके अनुसार 90 प्रतिशत मामले एससी समुदाय से आने वाले लोगो द्वारा दर्ज कराये गए थे वही सिर्फ 10 फीसदी मामले एसटी वर्ग की ओर से दर्ज कराये गए है ।

दिलचस्प बात यह है की कोर्ट द्वारा 75 प्रतिशत मामलों को फर्जी करार देते हुए आरोपियों को रिहा कर दिया गया था वही सिर्फ 25 प्रतिशतो पर ही केस चलाया गया है।

वही अगर केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो(NCRB) के डाटा की बात करे तो वर्ष 2016 में दर्ज हुए मामलों में से सिर्फ 25.8 फीसदी मामलों में आरोपी पर आरोप सिद्ध हो सके थे बाकि मामले फर्जी पाए गए थे।

दिल्ली विश्विद्यालय में एससी एसटी एक्ट के खिलाफ छात्रों को जागरूक करने वाले व युथ फॉर इक्वलिटी छात्र संघ के अध्यक्ष शुभम ने कहा की “बार बार आ रहे ऐसे सर्वे से यह साफ होता जा रहा है की एससी एसटी एक्ट का बेजा इस्तेमाल भरपूर हो रहा है व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को पलट कर केंद्र सरकार ने सिर्फ वोट पॉलिटिक्स खेली है यह जानते हुए भी की 70 से 80 फीसदी मामले आपसी रंजिश के कारण फर्जी दर्ज कराये जाते है”

+ posts

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

हिन्दू नेता मुझे चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाते: गुलाम नबी आजाद

Next Story

DHLF बैंक मैनेजर ने की लोन के बदले शारीरिक संबंध बनाने की मांग

Latest from स्पेशल

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, शिक्षण संस्थानों में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण को बताया असंवैधानिक

बिलासपुर– छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में 50% से अधिक आरक्षण को असंवैधानिक बताया है, हाईकोर्ट…