नई दिल्ली: दिल्ली से पूर्व सांसद व दलितों के धर्म परिवर्तन के पुरजोर समर्थक उदित राज एक और नए विवाद में फंस गए है। उनकी संस्था आल इंडिया परिसंघ के वेरिफाइड ट्वीटर अकाउंट से बेहद ही आपत्तिजनक ट्वीट किया गया है। ट्वीट में परिसंघ द्वारा ब्राह्मणो को रेपिस्ट बताया गया है।
हर बात पर ब्राह्मणो को गरियाने वाले डॉ उदित राज ने इससे पहले भी कई बार सवर्णों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की है जिसके बाद वायरल हो रहे इस ट्वीट पर उनकी गिरफ्तारी की मांग की जाने लगी है।
उन्होंने परिसंघ के बैनर तले मंदिरो को ब्राह्मणो द्वारा रेप स्थल के तौर पर प्रयोग करने जैसे भद्दे ट्वीट को लिख समाज में द्वेष फ़ैलाने का प्रयास किया। आपको बता दे कि परिसंघ के अकाउंट से किये जाने वाले सभी ट्वीट उदित राज ही करते है।
Apr 17, 2020 को किये गए इस ट्वीट में लिखा गया कि “दलित मंदिर में नही घुस सकता और ब्राह्मण मंदिर में रेप तक कर लेता है।”
दलित मंदिर में नही घुस सकता
और ब्राह्मण मंदिर में रेप तक कर लेता है।— All India Parisangh (@aiparisangh) April 17, 2020
जिस पर एक मुस्लिम यूजर जुनैद ने अपनी शिक्षा का प्रमाण देते हुए लिखा “मंदिर थोड़े हो रहा है पूरा डांस क्लब हो रहा है”। ऐसे मानसिक रोगियों को रोकने के लिए भी सरकार को सोशल मीडिया पर नियम सख्त करने चाहिए जो जय भीम जय मीम नेक्सस को पुरजोर करने के चक्कर में अपनी बुद्धि की सीमा को दर्शा जाते है।
Mandir thodai ho rha hai pura dance club ho rha hai
— Junaid Malik (@JunaidMalikAj) April 17, 2020
ऐसा पहला वाकया नहीं है जब उदित राज ब्राह्मणो को निशाना साधते हुए बेहद असामाजिक बाते कह रहे हो।
दरअसल यह सभी दलित नेताओ की प्रवत्ति बन चुकी है जिसमे वह महिलाओ के लिए वैश्या, प्रोस्टीटूट व सेक्स जैसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग तक करते आये है। हाल ही में हमारे द्वारा छापी कुछ रिपोर्ट में चंद्रशेखर, प्रशांत कनोजिया व विलास खेरात द्वारा सरेआम गालिया बकने व अश्लील टिप्पणियां करने जैसे कृत्यों को उजागर किया था।
बाबा साहब आंबेडकर का नाम ले लेकर ऐसे नेता जिस तरह से अश्लील कृत्यों व गालियों को प्रमोट करते है ऐसे दलित नेताओ पर सरकार कार्यवाई क्यों नहीं करती है? इसी को देखते हुए जयपुर से आने वाले पूर्व डिप्टी कमिसनर ने सवर्ण एक्ट बनाने के लिए कोर्ट जाने का मन बनाया है।
क्या है सवर्ण एक्ट की मांग
समता समिति के अध्यक्ष व पूर्व डिपुटी कमिश्नर पाराशर शर्मा ने हमें बताया कि उनका संगठन एससी एसटी एक्ट की तरह ही सवर्णो के लिए एक एक्ट बनाये जाने की मांग करने जा रहा है।
पूर्व डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक उनकी टीम अभी इन दलित नेताओ के खिलाफ प्रमाण इक्खट्टा करने का प्रयास कर रही जिसमे उन्हें हमारे द्वारा छापी गई कई रिपोर्ट का उल्लेख भी किया है।
साथ ही सवर्णो व सबसे महत्वपूर्ण महिलाओ के विरुद्ध जिस तरह से जातीय गालियां व अश्लील शब्दों के प्रयोग को दलित संगठनों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है उसपर भी संगठन ने अपनी चिंता जाहिर करी है।
ऐसे में समता समिति सभी प्रमाणों को जुटा आगे की रणनीति तैयार करने में जुट गई है। खैर आगे कोर्ट के माध्यम से किस तरह पूर्व डिप्टी कमिश्नर अपनी मांगो को मनवाएंगे इसका खुलासा अभी इन्होने करना जल्दबाजी करार दिया है।
पहले भी कर चुके है मीना को मिलने वाले आरक्षण का विरोध
मीना आरक्षण पर समता समिति की याचिका पर इससे पहले भी पूर्व में वर्ष 2014 को हाई कोर्ट ने मीना आरक्षण पर रोक लगा दी थी लेकिन सरकार ने आज तक इस पर कोई कार्यवाई नहीं करी है। ऐसे में समता आंदोलन ने एक बार फिर इस मुद्दे को कोर्ट में उठाने की बात करी है जिससे कोर्ट के आदेश को राज्य में लागू कराया जा सके।
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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!