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लाखो दलितों का धर्म परिवर्तन करा मिशनरी को पीछे छोड़ चुकी परिसंघ ने सुअर को जनेऊ पहना बताया ब्राह्मण !

नई दिल्ली: लाखो दलितों का धर्म परिवर्तन करवा चुकी अखिल भारीतय परिसंघ अब एक नए विवाद में फंस गई है। जहां परिसंघ ने एक बेहद ही आपत्तिजनक ट्वीट कर ब्राह्मणो की तुलना सुुुअर से कर डाली। साथ ही दिखाए गए सूअर को हिन्दू रीती रिवाजो में प्रयोग में लाये जाने वाले सांस्कारिक टीका व जनेऊ भी पहनाया गया है।

ज्ञात होकि सूअर को पवित्र जनेऊ पहनाने की शुरुआत ब्राह्मण विरोधी पेरियार ने Avani Avittam के मौके पर करी थी। तभी से ब्राह्मण विरोधी पवित्र जनेऊ को इस दिन सूअर को पहनाते है। दरअसल इस दिन हिन्दू वेदो के मुताबिक वेद पढ़ने की शुरआत की जाती है जिसमे शिष्यों को पढाई से पहले जनेऊ पहनाया जाता है। वहीं 3 अगस्त को इस वर्ष पवित्र दिन Avani Avittam मनाया जायेगा जिसका पेरियरवादी व दलित नेताओ को बेताबी से इंतजार रहता है।

परिसंघ की ओर से यह पहला वाकया नहीं था जब उसने ऐसा घिनोना कार्य किया और न ही ऐसा पोस्ट इन्होने सुर्खिया बटोरने के मकसद से किया था। अगर आप सोच रहे है कि उदित राज की इस संस्था के पीछे मात्र पब्लिसिटी स्टंट एक कारण था तो आप अभी सोशल मीडिया के पहले पाठ पर ही अटके हुए है।

उदित राज द्वारा चलाई जा रही इस संस्था ने वर्ष 1997 से लेकर अभी तक लाखो दलितों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया है। खुद हिन्दू धर्म त्याग चुके डॉ उदित राज दलितों के धर्म परिवर्तन को लेकर काफी मुखर रहे है।

उनका मानना है कि धर्म परिवर्तन से ही दलित अपना उद्धार कर सकता है। वहीं ब्राह्मणो पर उदित राज का जहर घोलने का इतिहास भी वर्षो पुराना है।

इससे पहले भी इनके संस्था के ट्विटर अकाउंट से ब्राह्मणो को रेपिस्ट का दर्जा दिया जा चूका है। Apr 17, 2020 को किये गए एक ट्वीट में लिखा गया कि “दलित मंदिर में नही घुस सकता और ब्राह्मण मंदिर में रेप तक कर लेता है।”

ऐसे में धर्मपरिवर्तन कराने के मामले में क्रिस्चन मिशनरी को पीछे छोड़ चुके इस संगठन से यह सोच कर कन्नी नहीं काटी जा सकती कि यह पोस्ट सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट भर है। इनकी 10 में से 10 पोस्ट आपको हेट कंटेंट से लिप्त ही मिलेगी।

आल इंडिया परिसंघ ने अपनी विवादित पोस्ट में कोर्ट में चलने वाले कॉलेजियम सिस्टम का मुद्दा उठाया था जिसमे उन्होंने हिन्दू धर्म पर तंज कसते हुए ये दिखाने की कोशिश करी थी कि त्रेता युग और सतयुग से होते हुए कलयुग तक किस तरह ब्राह्मण व्यवस्था चलती आई है जो किसी सूअर को जनेऊ पहनाने जैसा है।

AIPS ने लिखा “एक ब्राहमण जज दूसरे ब्राहमण को मुख्य जज बनाने की अपील तीसरे ब्राहमण जज से करता है। तीसरा ब्राहमण जज दूसरे ब्राहमण जज की मैरिट देखकर और पहले ब्राहमण जज की सिफारिश मानकर उस ब्राह्मण जज को मुख्य जज नियुक्त करता है। फिर दूसरा ब्राहमण तीसरे ब्राहमण जज का स्थान ले लेता है ।”

आगे संस्था ने ट्वीट कर कहा कि “यह प्रक्रिया त्रेता युग और सतयुग से होते हुए आज मेरी फेसबुक वाल पर है, इसलिये इस काल को कलयुग कहा गया है और शास्तरों में इसे ही कोलेजियम सिस्टम कहा गया है”।

वहीं आप इस भ्रम में मत रहिएगा कि इनका ट्वीट कोई दूसरा व्यक्ति करता है। दरअसल ऐसे घटिया ट्वीट उदित राज जी अपनी मानसिक क्षमता के अनुसार खुद अपने फ़ोन से दागते है।

साथ ही अब देखना यह होगा कि क्या उदित राज को भी गिरफ्तार किया जायेगा ? या बेचारा पब्लिसिटी स्टंट कर रहा था कहकर इग्नोर कर इनके मनोबल में डीजल भरने का कार्य होगा।

खैर इन तथाकथित नेताओ का अश्लीलता व अभद्रता परोसने का इतिहास पुराना है। नहीं जानते है, तो हमारी वेबसाइट पर खोज लीजिये दर्जनों मिल जाएगी।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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