नई दिल्ली: आज भारत आए अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिन्दू, सिखों का भारत ने पुरजोर स्वागत किया है।
अफगानिस्तान के सताए हुए अल्पसंख्यक समुदायों का पहला दल आज भारत पहुंच गया। हिन्दू सिख सहित अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग 11 सदस्य हैं। जिनमें एक सिख समुदाय के नेता भी हैं जिनका अपहरण किया गया था और बाद में रिहा कर दिए गए थे।
रविवार को भारत आने पर उन अल्पसंख्यकों का स्वागत बभी किया गया। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि निदान सिंह सचदेवा, जो 18 जुलाई को कैद से रिहा किए गए थे, रविवार को दिल्ली पहुंचने वालों में से हैं। अफगानिस्तान के एक सिख समुदाय के नेता सचदेवा का पिछले महीने पक्तिया प्रांत में अपहरण कर लिया गया था।
भारत लौटने के बाद न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सचदेवा ने कहा कि “मुझे नहीं पता कि हिन्दुस्तान को क्या कहा जाए, चाहे वह मेरी मां हो या मेरे पिता- हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान है। मुझे गुरुद्वारे से अपहरण कर लिया गया था और 20 घंटे बाद मैं खून से लथपथ था। मैं एक पेड़ से बंधआ हुआ था। वे मुझे मारते थे और मुस्लिम बनने के लिए फोर्स करते थे।”
आगे कहा कि “मैंने उनसे बार-बार कहा कि मुझे धर्म क्यों बदलना चाहिए, मेरा अपना धर्म है।” निदान सिंह ने भारत का धन्यवाद भी किया। निदान ने कहा कि “मेरे पास अपनी बात कहने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं बहुत संघर्ष के बाद यहां पहुंचा। वहां, भय का माहौल व्याप्त है। गुरुद्वारे में हम सुरक्षित हो सकते हैं लेकिन उसके बाहर तो एकदम नहीं।”
सचदेवा ने कहा कि वे हर दिन मारते थे। उन्होंने आगे कहा कि मैं विदेश मंत्रालय के उस फैसले का आभारी हूं जिसमें कहा गया कि भारत ने अफगानिस्तान में सुरक्षा खतरों का सामना कर रहे अफगान हिन्दू और सिख समुदाय के सदस्यों को भारत वापस लाने में सहयोग करेगा।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “अफगानिस्तान में सिख और हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े करीब 11 सदस्य आज भारत पहुंचे।भारत ने उचित वीजा प्रदान किया है। हम इन परिवारों की सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक सहयोग देने में अफगानिस्तान गणराज्य के सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं।”
यह पूछे जाने पर कि भारत अफगानिस्तान से सिखों और हिंदु कैसे आना चाहते हैं और क्या उन्हें नागरिकता देने की कोई योजना है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पिछले हफ्ते कहा था, “हाल ही में अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदायों पर हमले हुए हैं।” ये हमले आतंकवादियों ने अपने बाहरी समर्थकों के इशारे पर किए हैं।”
“हम इन समुदायों के सदस्यों से अनुरोध प्राप्त कर रहे हैं। वे भारत आना चाहते हैं, वे यहां बसना चाहते हैं, और चल रही कोरोना स्थिति के बावजूद, हम इन अनुरोधों को सुविधाजनक बना रहे हैं।”
1st group of 11 members of Sikh & Hindu minority community of Afghanistan,including Mr.Nidan Singh Sachdeva who was recently released from captivity,reached Delhi today.GoI is facilitating return of Hindu & Sikh community members seeking permanent residency & citizenship in India pic.twitter.com/LKE0GB4ll2
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) July 26, 2020
अनुराग श्रीवास्तव ने अंत में कहा कि “काबुल में भारतीय दूतावास उन्हें यहां आने के लिए आवश्यक वीजा प्रदान कर रहा है और एक बार जब वे यहां पहुंचेंगे, तो उनके अनुरोधों की जांच की जाएगी और मौजूदा नियमों और नीतियों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।”