भोपाल (MP): दशकों के बाद MP की बंद की गई मेधावी योजना शिवराज सरकार ने फिर शुरू किया है।
आज मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नें पिछले साल बंद की गई मेधावी छात्र योजना फिर शुरू करने की घोषणा कर दी है। बता दें कि मेधावी छात्रों को मुफ्त में लैपटॉप देने की योजना को लगभग एक दशक में पहली बार 2019 में बंद कर दिया गया था। 2009 के शुरुआती साल में 475 छात्रों मेधावी को लाभान्वित करने वाली योजना नें इस कदर बच्चों को पढ़ने के लिए आकर्षित किया था कि आज इसकी संख्या लगभग 20 हजार पहुंच गई है। हालांकि 2017 में इसे विस्तृत बनाते हुए लैपटॉप के साथ साथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा का प्रावधान जोड़ दिया गया था।
CM नें अपने बयान में कहा कि “मध्यप्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदाय करने की योजना पुनः प्रारंभ की जा रही है। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप क्रय करने के लिए रु. 25 हज़ार की प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।”
आगे उन्होंने कहा कि “शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित 12वीं की मुख्य परीक्षा में उत्कृष्टता प्रदर्शित करने वाले विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा। योजना का लाभ नियमित एवं स्वाध्यायी दोनों प्रकार के विद्यार्थियों को दिया जाएगा।”
मध्यप्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदाय करने की योजना पुनः प्रारंभ की जा रही है। इसके अंतर्गत सरकार द्वारा मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप क्रय करने के लिए रु. 25 हज़ार की प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 26, 2020
मेधावी छात्र योजना किसके लिए है:
इस योजना के अंतर्गत जिन विद्यार्थियों ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हों अथवा सीबीएसई/आईसीएसई द्वारा आयोजित 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त किये हों एवं मध्ययप्रदेश के निवासी होने के साथ-साथ उनके पिता/पालक की वार्षिक आय रूपयें 6 लाख से कम हो, ऐसे विद्यार्थियों को निम्नांकित स्नातक स्तर की शिक्षा के पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के अंतर्गत शिक्षण शुल्क प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
योजना के अंतर्गत स्नातक स्तर हेतु व्यय शुल्क के रूप में, प्रवेश शुल्क एवं वह वास्तविक शुल्क (मेस शुल्क एवं कॉशन मनी को छोड़कर) जो शुल्क विनियामक समिति अथवा म0प्र0 निजी विश्वीविद्यालय विनियामक आयोग अथवा भारत सरकार/राज्य शासन द्वारा निर्धारित किया गया हैं, का ही भुगतान किया जायेगा।