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सहारनपुर दंगे: SC-ST एक्ट में कम कर दी राशि तो DM अलोक पांडेय पर दर्ज हुआ राष्ट्रद्रोह व एट्रोसिटी एक्ट

सहारनपुर: सहारनपुर दंगो में हुए जातीय संघर्षो में अनुसूचित जाति के पीडि़तों को एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के मुताबिक लाभ न दिया जाना तत्कालीन डीएम व प्रमुख सचिव समाज कल्याण को बेहद भारी पड़ गया है।

जिले के गांव शब्बीरपुर में हुए जातीय दंगे में दो पक्षों में तनातनी हुई थी जिसमे दोनों पक्षों के लोग घायल हुए थे।

उसी क्रम में अनुसूचित जाति के लोगो को एससी एसटी एक्ट के तहत 8.25 लाख रुपये का अनुदान और 5 हजार रुपये महीने की मूल पेंशन के साथ महंगाई भत्ता दिया जाना था। लेकिन डीएम व प्रमुख सचिव ने मामले को समझते हुए एक पीड़ित को तीन लाख रुपये ही दिये थे।

जिसके बाद शब्बीरपुर निवासी दल सिंह ने विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट वीके लाल की अदालत में डीएम अलोक कुमार पांडेय व प्रमुख सचिव मनोज सिंह के विरुद्ध प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।

जिसे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की सुनवाई के दौरान अदालत ने स्वीकार्य कर लिया है। जिसके तहत तत्कालीन प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज कुमार व तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह व एससी-एसटी एक्ट में परिवाद दर्ज कर सुनवाई की तिथि 19 नवंबर निर्धारित की गयी है।

वहीं विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट वीके लाल ने अपने आदेश में कहा है कि “एससीएसटी एक्ट की धारा-4 एवं महामहिम के आदेशों की स्पष्ट अवमानना देशद्रोह की श्रेणी का अपराध किया है। यह अनुसूचित जाति के लोगों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से जानबूझकर किया गया अपराध है। इस संबंध में पुलिस द्वारा विवेचना कराया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है बल्कि स्वयं न्यायालय द्वारा जांच किया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है।”

ज्ञात होकि डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुआवजा राशि तय करी थी। जिसे दल सिंह ने एससी एसटी एक्ट न्यायलय में चुनौती दी थी।

वहीं न्यायाधीश वीर कनेडी लाल ने डीएम व प्रमुख सचिव पर एससी एसटी एक्ट की पूरी राशि उपलब्ध न कराने को लेकर राष्ट्रद्रोह व एससी एसटी एक्ट में मामला चलाने का निर्णय लिया है।

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