बुलगढ़ी: हाथरस कांड में CBI अब पीड़ित परिवार का लाइ डिटेक्टर टेस्ट करना चाह रही है जिसे मृतका के भाई ने कराने से मना कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दो दिन पहले CBI के शिविर में मौजूद डॉक्टर ने कहा था कि झूठ सच पता करने वाली मशीन पर तुम्हारा टेस्ट किया जायेगा। जिसके बारे में सुनते ही भाई ने टेस्ट कराने से मना कर दिया है।
हमने अपनी प्रथम रिपोर्ट में यह दावा किया था कि दोनों आरोपी संदीप व पीड़िता में गहरे प्रेम संबंध थे। जिसकी पुष्टि स्वयं गाँव के प्रधान ने भी करी थी। उन्होंने हमें बताया था कि इसको लेकर गाँव में पंचायत भी हो चुकी थी जिसमे उन्होंने दोनों का प्रेम विवाह का सुझाव दिया था।
आपको बता दे कि जो जो बाते हमने अपनी रिपोर्ट में लिखी थी अब वही बाते CBI जाँच में निकलकर सामने आ रही है। CBI के मुताबिक उनकी थोड़ी सी जाँच और बच गई है जिसे लाइ डिटेक्टर की मदद से पूरा किया जा सकता है।
ज्ञात होकि हमने पीड़िता की हत्या गलती से भाई द्वारा करने की बाते कही थी। हमारी इन्वेस्टीगेशन में यह सामने आया था कि आरोपी संदीप व पीड़िता को उसके भाई ने आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था जिसपर वह आग बबूला हो गया था। भाई को देख कर संदीप वहां से फरार हो गया था।
वहीं भाई ने बहन से नोक झोक करी(इससे पहले कई बार भाई ने प्रेमी जोड़े को प्रेम संबंधो के चलते पीटा था) जिसमे गलती से उसके दुपट्टे से उसका गला कस गया व सर्वाइकल की एक हड्डी डिस्प्लेस हो गई। यही हड्डी आगे मौत का कारण भी बनी थी (पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में सर्विकल की हड्डी डिस्प्लेस होने के कारण को मौत का असल कारण माना गया था)।
खैर CBI का शक भी भाई पर घूम कर वापस आ गया है। क्यूंकि नामजद किये गए चारो आरोपी में से दो के कही और रहने के पुख्ता सबूत मौजूद है जोकि हमने अपनी रिपोर्ट में दिखाए भी थे। वहीं तीसरे आरोपी लव कुश के उसकी माँ के साथ मौजूद होने की बाते चश्मदीदों ने साझा करी है।
चारो आरोपी भी अपना लाई डिटेक्टर टेस्ट से लेकर ब्रेन मैपिंग तक के सभी टेस्ट कराने को तैयार है। लेकिन पीड़ित पक्ष बार बार लाइ डिटेक्टर टेस्ट से भाग रहा है।
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