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SC-ST एक्ट में झूठा फसाये गए बेटे के विरह में माँ ने तोड़ा दम, अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिली जमानत

अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में प्रधान पति को बीते माह जलाये जाने के आरोप में फसाये गए RTI एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा की माँ ने बेटे से विरह के चलते दम तोड़ दिया है। आपको बता दें प्रधान पति ने मुख्य आरोपी बनाये गए कृष्णा कुमार के घर में घुसकर कथित तौर पर खुद को आग लगा ली थी जिसमे उनके परिवार जनो ने 5 लोगो को नामजद किया था। हालाँकि घर के बाहर लगे CCTV फुटेज ने सारी असलियत सबके सामने ला दी थी। लेकिन अभी तक मामले में पुलिस चार्ज शीट दाखिल नहीं कर सकी है जिसके चलते सभी आरोपी जेल में विचारधीन है।

आरोपियों में से एक राजेश मिश्रा को भी झूठे एससी एसटी एक्ट व हत्या के मामले में जेल भेजा गया था। जोकि उस दिन घटनास्थल से दूर निमंत्रण में गए हुए थे। जिसकी पुष्टि भी हो चुकी है। लेकिन पुलिस के ढुल मुल रवैय्ये के चलते राजेश मिश्रा अभी भी रिहा नहीं हो सके है। इसी बीच अपने इकलोते पुत्र को झूठे केस में जेल जाता देख व उनके विरह में तड़प तड़प कर उनकी माँ ने दम तोड़ दिया।

जेल प्रशासन ने नहीं दी बेल, कहा विचाधीन कैदियों के लिए नहीं है प्रावधान
अपनी माँ की अंतिम क्रियाओ को पूरा करने के लिए जब इकलौते पुत्र ने बेल मांगी तो प्रशासन ने यह कहते हुए आवेदन ठुकरा दिया कि विचारधीन कैदियों के लिए ऐसा प्रावधान नहीं है।

प्रशासन की ओर से जारी किया गया जवाब

हालाँकि सजा पा चुके कैदियों को अंतिम क्रियाओ के लिए जाने के लिए छूट है। यानि निर्दोष को जेल में रहना पड़ेगा व सजा पा चुके कैदियों को जमानत मिल जाएगी।

राजेश मिश्रा के परिजनों का रो रोकर हुआ बुरा हाल
राजेश मिश्रा का बेटा पिता के निर्दोष होने के बावजूद फसाये जाने से गुमसुम बैठा रहता है। दादी के देहांत के बाद पिता के आने की आस थी। जिसे प्रशासन ने बेदर्दी से ठुकरा दिया।

अब परिवार के सभी लोग ऐसी न्याय प्रक्रिया देख खुद को कोस रहे है। जहां एक निर्दोष शख्स को बिना जाँच जेल भेज कर उसकी माँ के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया जाता है।

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