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किसान आंदोलन नहीं राष्ट्रपति भवन के पत्र की वजह से निकाले गए राजदीप सरदेसाई, इंडिया टुडे से संबंधो की समीक्षा पर दी थी धमकी

इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर और एंकर राजदीप सरदेसाई को 26 जनवरी को हुए किसान प्रदर्शन के दौरान किए गए एक फेक ट्वीट के बाद उनके मैनेजमेंट के द्वारा उन्हें दो हफ्तों के लिए ऑफ एयर कर दिया गया था। खबर यह भी है कि ऑफ एयर हो जाने के बाद सरदेसाई ने चैनल से इस्तीफा दे दिया, हालांकि इसकी अब तक पुष्टि नहीं हुई है। दरअसल राजदीप सरदेसाई को बाहर किये जाने की पटकथा किसान आंदोलन नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा अनावरण पर फैलाई गई फर्जी खबर से तय हो गयी थी।

राष्ट्रपति भवन के बारे में फैलाई फेक न्यूज

फलाना दिखाना को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक राजदीप सरदेसाई के द्वारा राष्ट्रपति भवन के बारे में फैलाई गई फेक न्यूज़ के कारण उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। दरअसल 23 जनवरी को नेताजी के 125 वें जन्मदिन के अवसर पर राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया था कि रामनाथ कोविंद ने जिस चित्र का अनावरण किया है वह एक बंगाली अभिनेता प्रसनजीत चटर्जी का है। जिसके बाद नेताजी के परिवार के सदस्य की ओर से पोस्ट की गई कि यह चित्र नेताजी का ही है। तथ्य सामने आने के बाद राजदीप ने माफी तक नहीं मांगी।

राष्ट्रपति भवन ने कड़े शब्दों में कहा “हमें इंडिया टुडे ग्रुप के साथ अपनी साझेदारी को बदलने पर मजबूर होना पड़ रहा है”

महामहिम राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी को पत्र लिखकर कड़े शब्दों में फटकार लगाई। अजय सिंह ने लिखा कि राष्ट्रपति भवन ऐसी घटना से आहत है और इंडिया टुडे ग्रुप से संबंध की समीक्षा करने को बाध्य है। राष्ट्रपति भवन ने कड़े शब्दों में राजदीप सरदेसाई का नाम लेकर उनके द्वारा बिना फैक्ट चेक किये खबर को डालना ना माफ़ किये जाने वाला अपराध बताया है जिसके कारण राष्ट्रपति भवन की गरिमा को भारी क्षति पहुंची है। साथ ही इंडिया टुडे ग्रुप से संबंध की समीक्षा करने को बाध्य होने वाली चेतावनी ने राजदीप सरदेसाई को चैनल से बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई है। जिसके बाद किसान आंदोलन पर एक बार पुनः फर्जी खबर के कारण चैनल को सरदेसाई पर कार्यवाई को मजबूर होना पड़ा है।

Letter by President’s house to the India Today group

ट्रैक्टर रैली के दौरान फैलाई फेक न्यूज

दरअसल 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन के दौरान राजदीप ने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि, “आईटीओ पर पुलिस गोलीबारी में एक 45 साल के व्यक्ति नवजीत सिंह की मौत हो गई है। किसानों ने मुझसे कहा है कि यह शहादत बेकार नहीं जाएगी।” जोकि जांच में पूर्णतया फर्जी पाया गया। जिसे सरदेसाई ने बिना कोई खेद प्रकट किए या माफी मांगे डिलीट कर दिया था।

दंगा भड़काने के आरोप में एफआईआर

उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजदीप सरदेसाई, कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। एक शख्स की ओर से की गई एफआईआर में कहा गया है कि इन लोगों द्वारा 26 जनवरी को गलत पोस्ट किए गए और लोगों को भड़काने की साजिश की गई, गंभीर धाराओं के तहत सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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Young Journalist covering Rural India, Investigation, Fact Check and Uttar Pradesh.

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