असम: विधानसभा में मवेशी संरक्षण विधेयक पेश, उल्लंघन में न्यूनतम 3 साल तक की सजा प्रावधान

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मवेशी का वध, उपभोग और परिवहन विनियमित करने के लिए एक विधेयक सोमवार को असम विधानसभा में पेश किया।

सरमा ने कहा कि नये कानून का उद्देश्य सक्षम अधिकारियों द्वारा अनुमत स्थानों के अलावा अन्य जगहों पर बीफ की बिक्री और खरीद पर रोक लगाना है।

एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि सरमा ने सदन में असम मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021 पेश करने के बाद यह भी उल्लेखित किया कि कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उन क्षेत्रों में अनुमति नहीं दी जाये जहां मुख्य रूप से हिंदू, जैन, सिख और बीफ नहीं खाने वाले समुदाय रहते हैं अथवा वे स्थान किसी मंदिर और अधिकारियों द्वारा निर्धारित किसी अन्य संस्था के पांच किलोमीटर के दायरे में आते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ धार्मिक अवसरों के लिए छूट दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक नया कानून बनाने और पूर्व के असम मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1950 को निरस्त करने की आवश्यकता थी जिसमें मवेशियों के वध, उपभोग और परिवहन को विनियमित करने के लिए पर्याप्त कानूनी प्रावधानों का अभाव था।

अधिनियमित हो जाने पर कानून किसी व्यक्ति को मवेशियों का वध करने से निषिद्ध करेगा, जब तक कि उसने किसी विशेष क्षेत्र के पंजीकृत पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया हो।

विधेयक के अनुसार पशु चिकित्सा अधिकारी केवल तभी प्रमाण पत्र जारी करेगा जब उसकी राय में मवेशी, जो कि गाय नहीं है और उसकी आयु 14 वर्ष से अधिक हो। गाय, बछिया या बछड़े का तभी वध किया जा सकता है जब वह स्थायी रूप से अपाहिज हो।

विधेयक के अनुसार साथ ही, उचित रूप से लाइसेंस प्राप्त या मान्यता प्राप्त बूचड़खानों को मवेशियों को काटने की अनुमति दी जाएगी। यदि अधिकारियों को वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तो नया कानून राज्य के भीतर या बाहर गोवंश के परिवहन पर रोक लगाएगा। हालांकि, एक जिले के भीतर कृषि उद्देश्यों के लिए मवेशियों को ले जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।

जिले के भीतर बिक्री और खरीद के उद्देश्य से पंजीकृत पशु बाजारों से मवेशियों के परिवहन के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। इस नए कानून के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को कम से कम तीन साल की कैद या 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। नए कानून के तहत अगर कोई दोषी दूसरी बार उसी या संबंधित अपराध का दोषी पाया जाता है तो सजा दोगुनी हो जाएगी।

कानून पूरे असम में लागू होगा और ‘मवेशी’ शब्द बैल, बैल गाय, बछिया, बछड़े, नर और मादा भैंस और भैंस के कटड़ों पर लागू होगा।

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

उत्तराखंड में जनसंख्या नियंत्रण, पलायन व भू-कानून पर जल्द होगा विचार: CM पुष्कर धामी

Next Story

पाकिस्तानी आकाओं के निर्देश पर विस्फोटक की खेप को कश्मीर ला रहा था ट्रक ड्राइवर, आरोपी मुंतजीर गिरफ्तार

Latest from देश विदेश - क्राइम

भीम आर्मी नेता की सवर्णों को घर में घुसकर मारने की धमकी, कहा 6000 साल का लेंगे बदला, पुलिस बनी रही तमाशबीन

सहारनपुर: पुलिस लाइन देवबंद थाना क्षेत्र के मकबरा गांव में एक ब्राह्मण परिवार पर जानलेवा हमला…