देशभर के मठ मंदिर सरकारी नियंत्रण से हों मुक्त, धर्मांतरण विरोधी राष्ट्रीय कानून बनें- VHP

फरीदाबाद: विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि अवैध मतांतरण एक राष्ट्रीय अभिशाप है, इस पर रोक हेतु 11 राज्यों में तो कानून हैं किन्तु केन्द्रीय कानून बनना ही चाहिए।

देश की कोरोना से रक्षा , अवैध मतांतरण पर रोक व मठ – मंदिरों की मुक्ति के संकल्प के साथ विहिप की दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बैठक फरीदाबाद में पूर्ण हो गई है।

कोरोना से रक्षा, अवैध मतांतरण पर रोक व मठ – मंदिरों की मुक्ति के संकल्प के साथ विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय प्रन्यासी मण्डल व प्रबंध समिति की दो दिवसीय बैठक आज मानव रचना विश्व – विद्यालय फरीदाबाद में संपन्न हो गयी।

बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए विहिप कार्याध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से रक्षा व उसके विरुद्ध युद्ध का आगाज इस बैठक में हुआ है। हम देशभर की हिन्दू शक्तियों के साथ मिलकर भारत के एक लाख से अधिक गावों एवं शहरी बस्तियों में व्यापक जन – जागरण कर न सिर्फ लोगों को इससे बचाव के प्रति जागरुक करेंगे अपितु, पीड़ित परिवारों की हर सम्भव मदद भी करेंगे। 

उन्होंने कहा कि अवैध मतांतरण एक राष्ट्रीय अभिशाप है, जिससे मुक्ति मिलनी ही चाहिए। इस पर रोक हेतु 11 राज्यों में तो कानून हैं किन्तु समस्या व षड़यंत्र राष्ट्रव्यापी हैं। इसलिए हमारी इस अन्तर्राष्ट्रीय बैठक का सर्व – सम्मत मत है कि इसके लिए केन्द्रीय कानून बनना ही चाहिए। तभी इस अभिशाप से मुक्ति मिल सकती है। सर्वोच्च न्यायालय के कई निर्णयों व वर्तमान परिस्थितियों से भी यह स्पष्ट हो चुका है कि केन्द्र सरकार को इस बारे में और विलम्ब नहीं करना चाहिए। हमने हिन्दू समाज से भी आह्वान किया है कि मुल्ला – मिशनरियों के भारत विरोधी व हिन्दू द्रोही षड़यंत्रों पर सजग निगाहें रखकर सभी संविधान सम्मत उपायों के माध्यम से इन पर रोक लगाए।

आलोक कुमार ने यह भी कहा कि बैठक में देशभर के मठ – मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण से मुक्ति हेतु भी एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि मठ – मंदिर न केवल आस्था अपितु, चिरंजीवी शक्ति के केन्द्र व हिन्दू समाज की आत्मा हैं। इन्हें सरकारी नियंत्रण में नहीं रखा जा सकता। समाज को स्वयं इनकी देख – भाल व संचालन का दायित्व सौंपना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चिदम्बरम् नटराज मंदिर मामले सहित कई बार न्यायपालिका ने भी कहा है कि सरकारों को मंदिरों के नियंत्रण का कोई अधिकार नहीं है इसलिए विश्व भर से जुड़े विहिप कार्याकर्ताओं ने एक स्वर से अपील करते हुए केन्द्र सरकार से कहा है कि इस हेतु भी एक केन्द्रीय कानून बनाकर मठ – मंदिरों व धार्मिक संस्थाओं को सरकार नियंत्रण से मुक्ति दिलाकर हिन्दू समाज को सौंपा जाए ताकि संत और भक्त इनकी धार्मिक व प्रशासनिक व्यवस्थायें वहां की समाजोन्मुखी व संस्कारक्षम परम्पराओं को पुनः स्थापित कर सकें।

बैठक में लगभग 50 केन्द्रीय व क्षेत्रीय पदाधिकारी कोरोना नियमों का पालन करते हुए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे तथा शेष लगभग 350 प्रांतीय अधिकारी व भारत के बाहर के पदाधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

कानपुर: पुलिस द्वारा महिला के सीने पर चढ़कर कर मारपीट की खबर भ्रामक, महिला ने ही पुलिसकर्मी का कॉलर पकड़कर खींचा

Next Story

‘UP में दलित महिला को प्रसाद चढ़ाने से रोका’, मीडिया ने चलाई फर्जी खबर

Latest from देश विदेश - क्राइम

भीम आर्मी नेता की सवर्णों को घर में घुसकर मारने की धमकी, कहा 6000 साल का लेंगे बदला, पुलिस बनी रही तमाशबीन

सहारनपुर: पुलिस लाइन देवबंद थाना क्षेत्र के मकबरा गांव में एक ब्राह्मण परिवार पर जानलेवा हमला…