कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी वाली सरकार द्वारा “खेला होबे दिवस” मनाए जाने के निर्णय का सनातन संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है।
दरअसल सनातन संगठनों के प्रतिनिधियों ने “खेला होबे दिवस” की तारीख में बदलाव की मांग करने के लिए मंगलवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की।
खेला होबे दिवस” की तारीख में बदलाव के कारण बताते हुए संगठनों ने कहा कि यह 1946 में ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ की भयानक यादों की याद दिलाता है जिसके कारण हजारों लोग मारे गए थे।
राज्यपाल के मुताबिक उनकी एकमात्र आपत्ति “खेला होबे दिवस” की तारीख पर थी और सरकार को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की। राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार को भावनाओं से अवगत कराया जाएगा।
ममता बनर्जी ने खेला होबे दिवस मनाने की की थी घोषणा
बता दें कि इसी साल 6 जुलाई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि चूंकि लोग ‘खेला होबे’ को पसंद करते हैं, इसलिए वो अब बंगाल में ‘खेला होब दिवस’ मनाएंगी। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में यह बात कही थी। हालांकि भाजपा ने सख्त विरोध जताते हुए इसे डायरेक्ट एक्शन डे से जोड़ा था।