चंडीगढ़: पंजाब सरकार द्वारा राज्य में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भैंसों की नसल सुधार एवं अनुसंधान के लिए सैंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए विशेष वित्तीय पैकेज की माँग की गई।
यह माँग पंजाब के पशुपालन मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने आज यहाँ कृषि भवन में केंद्रीय मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रुपाला के साथ मुलाकात के दौरान उठाई।
बाजवा ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि पंजाब का वातावरण और भौगोलिक स्थिति अन्य दुधारू पशुओं के मुकाबले भैंसों के लिए अधिक अनुकूल है। उन्होंने आगे कहा कि भैंसों की नसल सुधार एवं अनुसंधान के लिए सैंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने से डेयरी किसानों को कई गुना लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
इसी तरह तृप्त बाजवा द्वारा आर.जी.एम. (राष्ट्रीय गोकुल मिशन) के अधीन पंजाब के लिए गऊ वंश की स्वदेशी नसल के विकास और संरक्षण, गऊ वंश की जेनेटिक अपग्रेडेशन और इसके दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए 100 प्रतिशत सब्सिडी की माँग रखी गई।
बाजवा ने पशु पालकों को घर-घर एमरजैंसी सेवाएं मुहैया करवाने के लिए वैटरनरी अस्पताल और डिस्पेंसरी (ईएसवीएचडी-एमवीयू) स्कीम की स्थापना के अधीन पंजाब के लिए 70 मोबाइल वैटरनरी इकाईयां खरीदने के लिए केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत फंडिंग की माँग की।
पशु पालन मंत्री द्वारा पटियाला जि़ले में विभाग के 100 एकड़ कुलेमाजरा फार्म में ए-ग्रेड सीमन स्टेशन स्थापित करने के लिए भारत सरकार की स्कीम के अधीन तत्काल तौर पर फंड अलॉट करने की माँग भी रखी गई।
उन्होंने मोबाइल सैक्स सॉर्टिंग इकाईयों के द्वारा ए-ग्रेड सीमन स्टेशन नाभा में पशुओं और भैंसों के लिए सैक्स सॉर्टड सीमन खुराकों के उत्पादन के लिए ज़रुरी फंड की माँग की। इससे आने वाले सालों में बछड़े पैदा होने की दर में कमी आएगी और आवारा पशुओं के खतरे को काबू करने में सहायता मिलेगी।
बाजवा ने केंद्रीय मंत्री को पंजाब में 100 वैटरनरी अस्पतालों और 100 वैटरनरी डिस्पैंसरियों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए भारत सरकार को सौंपे जाने वाले प्रोजैक्ट के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई.) के अधीन ज़रुरी फंडों को मंज़ूर और जारी करने की अपील की।
बाजवा ने भारत सरकार से राज्य के डेयरी किसानों को यूनिट के आधार पर 20 भैंसों और 100 भेडों/बकरियों/सूअरों के बीमा कवर के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करने की माँग भी की।
तृप्त बाजवा ने बताया कि पंजाब सरकार पहले ही भारत सरकार को एस.एम.ए.एम. (कृषि मशीनीकरण के सब-मिशन) के अधीन डेयरी मशीनरी प्रदान करने की विनती की गई है, क्योंकि यह मशीनें और तकनीकें डेयरी क्षेत्र में विशेष तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं। इन मशीनों में सिलेज मेकिंग मशीन (बैलजऱ्) बल्क मिल्क कूलर, टोटल मिक्स्ड राशन मशीन, मिल्किंग मशीन, मिल्किंग पार्लर, ऑटोमैटिक मिल्क डिस्पैंसिंग यूनिट आदि शामिल हैं। यह मशीनें सब्सिडी पर मुहैया करवाए जाने से राज्य में आधुनिक डेयरी अभ्यासों को प्रोत्साहित करने में काफ़ी मदद मिल सकती है।
बाजवा ने आगे कहा कि राज्य की जीडीपी में पशुओं के योगदान की महत्ता को ध्यान में रखते हुए राज्य में नए वैटरनरी अस्पतालों और वैटरनरी डिस्पैंसरियों के निर्माण के लिए विशेष 100 प्रतिशत भारत सरकार की योजना के लिए अपील की।
रुपाला ने बाजवा द्वारा रखे गए ज़्यादातर प्रस्तावों को सहमति दे दी। केंद्रीय मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को लम्बित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के निर्देश भी दिए।
इस मौके पर बाजवा के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन वी.के. जंजूआ, एमडी मिल्कफैड कमलदीप सिंह संघा, डायरैक्टर पशुपालन डॉ. एच.एस. काहलों, डायरैक्टर डेयरी करनैल सिंह भी उपस्थित थे।