/

MP: जबलपुर में महादेव मंदिर ट्रस्ट का प्रबंधन शासन ने अपने हाथों में लिया, ट्रस्ट के नाम है 23 एकड़ भूमि

जबलपुर: मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में अब महादेव मंदिर ट्रस्ट का प्रबंधन शासन संभालेगा जिसके आदेश पंजीयक लोक न्यास एवं एसडीएम आधारताल ने जारी किए हैं।

शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की प्राप्त शिकायतों की जांच के बाद महादेव मंदिर शांतिनगर जबलपुर का प्रबंधन शासन द्वारा अपने हाथ में लिया गया है। इस बारे में एसडीएम आधारताल एवं पंजीयन लोक न्यास नम: शिवाय अरजरिया द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

महादेव मंदिर ट्रस्ट मंदिर ट्रस्ट की बंधैया मोहल्ला शांतिनगर में 16 एकड़ एवं पनागर तहसील के ग्राम निमौरा में करीब 7 एकड़ भूमि है। इनमें से अकेले बंधैया मोहल्ला शांति नगर की भूमि की अनुमानित कीमत करीब 250 करोड़ रुपये बताई गई है। एसडीएम आधारताल एवं पंजीयक लोकन्यास ने महादेव मंदिर ट्रस्ट की इस भूमि को अहंस्तारणीय घोषित कर दिया है और इसे खसरे में दर्ज करने के आदेश भी दिये हैं।

प्रशासन के मुताबिक महादेव मंदिर ट्रस्ट की भूमि को खुर्द-बुर्द किये जाने की शिकायतें कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से की गई थी। कलेक्टर ने इन शिकायतों की जांच के लिए एसडीएम आधारताल नम: शिवाय अरजरिया के नेतृत्व में तीन सदस्यों की टीम गठित कर ट्रस्ट की संपत्ति की जांच कर उचित कार्यवाही के निर्देश दिये थे। तीन सदस्यों की इस समिति में जिला पंजीयक एवं जिला कोषालय अधिकारी को शामिल किया गया था।

एसडीएम आधारताल एवं पंजीयक व लोक न्यास नम: शिवाय अरजरिया ने बताया कि जांच में पाया गया कि वर्ष 1958 में पब्लिक ट्रस्ट के रूप में दर्ज महादेव मंदिर ट्रस्ट द्वारा धारित संपत्तियों के प्रबंधन में लापरवाही बरती जा रही है।

उन्होंने कहा कि ट्रस्टियों द्वारा मंदिर की बेशकीमती भूमि के दुर्व्ययन के प्रयासों के तहत महादेव मंदिर के यूको बैंक के खाते में हामिद हसन निवासी दक्षिण मिलौनीगंज से अलग-अलग तिथियों 22 अप्रैल, 27 जून, एक जुलाई एवं चार जुलाई 2019 को कुल 92 लाख रुपये की राशि प्राप्त की गई थी। जबकि लोकन्यास अधिनियम के तहत 5 हजार रुपये से अधिक की कोई भी राशि रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट की अनुमति के बगैर प्राप्त नहीं की जा सकती।

अरजरिया ने बताया कि मंदिर की भूमि के खुर्द-बुर्द करने के अलावा भी ट्रस्ट की गतिविधियों की जांच में कई और अनियमितता पाई गई, इनमें पूर्व न्यासियों की मृत्यु होने के बाद भी नये न्यासियों के नाम नहीं दर्ज करने, ट्रस्टी पन्नालाल प्रजापति की मृत्यु के बाद उनके पुत्रों दिनेश कुमार प्रजापति एवं रामकुमार प्रजापति का नाम बिना रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट की बिना अनुमति को जोड़ना शामिल है।

एसडीएम आधारताल एवं रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट अरजरिया ने बताया कि महादेव मंदिर ट्रस्ट का प्रबंधन शासन द्वारा संभालने का आदेश लोकन्याय अधिनियम 1951 एवं न्याय नियम 1962 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि महादेव मंदिर ट्रस्ट का संचालन के लिए तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह की अध्यक्षता में समिति का गठन भी किया गया है। यह समिति ट्रस्ट की भूमि को प्रतिवर्ष सिकमी पर देगी तथा आय-व्यय का संधारण भी करेगी। 

अरजरिया ने बताया कि महादेव मंदिर ट्रस्ट की भूमि को खुर्द-बुर्द किये जाने से रोकने के लिए तहसीलदार आधारताल को खसरे में इसे अहस्तांरणीय दर्ज करने के निर्देश भी दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि तहसीलदार आधारताल को प्रधान आयकर आयुक्त को महादेव मंदिर ट्रस्ट को हामिद हसन द्वारा दी गई 92 लाख रुपये की राशि के बारे में जांच करने के संबंध में पत्र भेजने भी कहा गया है। इसी प्रकार महादेव मंदिर ट्रस्ट के गठन का उद्देश्य विफल होने पर जिला न्यायाधीश को मार्गदर्शन देने पत्र भी लिखा जा रहा है।

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

बिहार: पूर्व CM जीतन मांझी ने पंडितों को कहा ‘हरामी’, सत्यनारायण कथा व भगवान राम का भी किया विरोध

Next Story

पाकिस्तान की किरकिरी: 5 मुस्लिम देश पाक प्रायोजित OIC बैठक में नहीं हुए शामिल

Latest from Spiritual

परीक्षा के दौरान ब्राह्मण छात्र को जनेऊ उतारने के लिए किया मजबूर, अखिल भारतीय ब्राह्मण मोर्चा ने की कार्रवाई की मांग

बजाली- असम के बजाली जिले में एक ब्राह्मण छात्र की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का…

लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर राज ठाकरे के बाद अब मशहूर भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने भी जताई आपत्ति

मध्यप्रदेश– जबलपुर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची मशहूर भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने…