चंडीगढ़: सोशल मीडिया पर बढ़ चढ़कर ब्राह्मणों की आवाज को बुलंद करने वाले नवीन जयहिंद को एससी एसटी एक्ट में बड़ी राहत मिली। अपनी जांच में पुलिस ने एससी एसटी एक्ट के आरोपों को जांच के बाद हटा दिया जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी। कोर्ट ने मंगलवार को सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने, मारपीट व मानहानि केस में नवीन को जमानत दे दी। हालांकि अभी भी नवीन पानीपत मामले में सुनारिया जेल में बंद है। इस मामले में भी बेल को लेकर बुधवार को सुनवाई होनी है।
सिंचाई विभाग के केस में लगा था एट्रोसिटी एक्ट
पीजीआई केस में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सिंचाई विभाग के केस में नवीन को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया था। जयहिंद के खिलाफ आर्य नगर थाने में 353, 186, 500 व एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज हुआ था। हालांकि जांच में यह आरोप सही नहीं पाए गए थे। पीजीआई रोहतक में नर्सिंग भर्ती डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान हंगामा करने और डॉक्यूमेंट वेरीफाई कमेटी के चेयरमैन के साथ मारपीट करने के मामले में पुलिस ने आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद को अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
ब्राह्मणों को लुभाने पर लगी है सरकार
प्रदेश में ब्राह्मण महाकुम्भ के दौरान मुख्यमंत्री CM खट्टर ने जमकर ब्राह्मण समाज को लुभाने का प्रयास किया था। CM ने भरी सभा में जय दादा परशुराम का नारा लगाकर प्रदेश में साफ़ सन्देश दिया था कि हरियाणा में ब्राह्मण वोटों के लिए सरकार कितनी संजीदा है। इसी महाकुम्भ का विरोध नवीन जयहिंद कर रहे थे। नवीन का कहना था कि सरकार चुनाव नजदीक आने के समय प्रदेश के ब्राह्मणों का वोट लेने के लिए महाकुंभ का आयोजन कर रही है जबकि उसे उनकी पीड़ा से कोई मतलब नहीं है।