रीवा (एमपी) : मध्यप्रदेश के रीवा जिले के एक छोटे से गाँव खटखरी की अंजू मिश्रा नें काफ़ी कठिन परिस्थितियों में भी PSC क्लियर कर लिया है और वो अब जिला जेल अधीक्षक (इंस्पेक्टर ) के पद में चयनित हो गई हैं | उनकी कहानी कहानी जितनी बताने में सरल है उससे कहीं कठिन दौर से अंजू को गुजरना पड़ा है |
अंजू की स्कूली पढ़ाई गाँव की सरकारी में हुई थी :
मूलतः रीवा की रहने वाली अंजू नें अपनी 10वीं व 12वीं की पढ़ाई अपने गाँव से 3 किलोमीटर स्तिथ सरकारी स्कूल से की जहां आज कोई भी आदमी अपने बच्चे को भेजने से डरता है जैसा कि उन्होंने ये बात कही भी | बाद में 2011 में उनकी शादी अनुपम मिश्रा से हो गई इसी बीच उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग भी की |
इसके बाद रीवा के पड़ोसी जिला सतना में आकर उन्होंने मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग यानी MPPSC की तैयारी की | लेकिन 2011 से लेकर 2017 तक उनके हाँथ प्री लिम्स ही लगा लेकिन वो मेंस के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाई |
2018 में प्री निकालने के बाद आ गई प्रेगनेंसी :
अभी तक अंजू नें जितनी परेशानी झेली उससे कहीं ज्यादा कठिन दौर वाली जिंदगी आ गई और जब 7 प्रयास के बाद 2018 में प्री के बाद उनकी प्रेगनेंसी आ गई | वो अपने पति के साथ सतना में किराए के एक कमरे में रहकर तैयारी कर रही थीं |
उन्होंने बताया कि ” प्रेगनेंसी के दौरान कभी कभी तो देर तक बैठने से पांव में सूजन आ जाता तबीयत भी बिगड़ जाती | इसके अलावा घर के काम और पति का खयाल रखना खाना बनाना था ही | मैं सुबह 3 बजे उठती और 8 बजे तक पढ़ती फिर काम वगैरह करके दोपहर में पढ़ाई कर लेती |
बच्चे को गोद में लेकर दिया था इन्टरव्यू :
पिछले साल 2018 में उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया लेकिन पढ़ाई से कोई समझौता न करते हुए दिनरात PSC में लगी रहीं | जब उनका प्री निकला फिर बात आई मेंस की तो उन्होंने बताया कि ” हमने सेंटर जबलपुर न चुनकर इंदौर चुना क्योंकि वहां आसपास रहने के लिए हास्टल में रहने की व्यवस्था हो जाती है |
आगे उन्होंने बताया कि ” जब परीक्षा देने गई तब पेपर पहले फ्लोर में हुआ जहां चढ़ने में काफ़ी दिक्कत होती थी, काफ़ी ठंडी भी थी, साथ ही गोद में बच्चा लेकिन मैंने 100% देने का फैसला कर लिया था और जब लोग प्रेगनेंसी के बाद बेडरेस्ट करती हैं उन दिनों मैं पढ़ाई करती रही और इन्टरव्यू देने गई तो साथ में बच्चा भी था | “