OBC आरक्षण की खुली पोल, सिर्फ़ 25% प्रमुख जातियाँ ही ले गईं 98% OBC आरक्षण

नईदिल्ली : ओबीसी आरक्षण में भारी असमानता के रूप में 70% जातियों का प्रतिनिधित्व न के बराबर बताया गया है |

अक्टूबर 2017 में केंद्र सरकार नें ओबीसी जातियों में आरक्षण व प्रतिनिधित्व का अध्ययन करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व चीफ़ जस्टिस जी रोहिणी की अध्यक्षता में कमीशन ऑफ़ सब-कटेगराइजेशन ऑफ़ ओबीसी का गठन किया था | जिसनें 400 पन्नों वाली अपनी रिपोर्ट सभी राज्यों के मुख्य सचिवों व राज्य ओबीसी को भेज दी है |

इधर इस रिपोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर भारी असमानता को दिखाया गया है | यानी ओबीसी आरक्षण का फ़ायदा सभी ओबीसी जातियों तक पहुँच ही नहीं पाया, इसके लिए पिछले 5 सालों में केंद्र की 1.3 लाख नौकरियों व केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं में ओबीसी कोटा के तहत हुए 1 लाख एडमिशन का सहारा लिया गया है |

रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र की कुल 2633 ओबीसी जातियों में से यादव, कुर्मी व एजावा सहित केवल 10 जातियों नें 25% आरक्षण का फायदा नौकरियों व शिक्षा में उठाया है | और 1900 जातियों को 2 से 3 फ़ीसद आरक्षण मिल पाया है | वहीं दूसरी गणित कहती है 25% ओबीसी जातियों नें 97% आरक्षण का लाभ लिया, 983 जातियों को कोई फ़ायदा ही नहीं, 994 को 2.68% आरक्षण मिला |

इसी असमानता को पाटने के लिए रोहिणी कमीशन की सिफारिश पर केंद्र सरकार ओबीसी आरक्षण में ही 1900 जातियों 8 से 10% आरक्षण दे सकती है |

     

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