बिहार का पासवान परिवार छोड़ना चाहता है आरक्षण, कहा- ‘अमीर दलित नहीं होने देते समाज का विकास’

सीतामढ़ी (बिहार): आगामी विधानसभा चुनाव में जातिगत राजनीति करने वालों के खिलाफ दलित युवा की बातें गौर से सुनने की आवश्यकता है।

देश फिलहाल कोरोना महामारी से लड़ रहा है उधर बिहार में होने वाले चुनावों के लिए भी सभी दल अपनी कमर कसने लगे हैं। केंद्र की सत्तादल भाजपा पहले ही वर्चुअल मीटिंग की शुरुआत कर चुकी है। लेकिन बिहार की राजनीति में अमूमन देखा गया है कि जाति हावी रहती है।

ऐसे में बिहार के एक युवा इस तरह की राजनीति को नकार रहे हैं। सोशल मीडिया पर आकर वो जाति पर आधारित आरक्षण का विरोध भी कर रहे हैं।

ऐसे ही फ़लाना दिखाना की टीम ने बिहार चुनाव में जातिगत राजनीति को लेकर युवा मधु पासवान से एक्सक्लुसिव बातचीत की। मधु के बारे में बता दें तो वो बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक ऑटो ड्राइवर हैं वो एक दलित पासवान परिवार से आते हैं।

Auto Driver Madhu Paswan, Sitamarhi (Bihar)

उन्होंने जब सोशल मीडिया पर आरक्षण को आर्थिक रूप में किए जाने की वकालत की तो फ़लाना दिखाना नें इंटरव्यू में उनसे कई सवाल पूछे :

एडिटर : “मधु, आपको क्यों लगता है आरक्षण आर्थिक होना चाहिए न कि जातिगत ?”

मधु : “मुझे लगता है आरक्षण आर्थिक होगा तभी जरूरतमंद तक पहुंच पाएगा। क्योंकि जातिगत में व्यक्ति करोड़पति संपन्न है वो भी आरक्षण लेता है जबकि जो अंतिम में है उसे पता ही नहीं होता आरक्षण क्या है।

मेरे गांव में दलित परिवार हैं उनके बच्चों को आरक्षण पता ही नहीं, वो दिनभर माता पिता के साथ खेत में काम करते हैं तब दिन का खाना नसीब होता है।

इन लोगों तक आज भी आरक्षण पहुंच नहीं पाया इसमें हमारे ही समाज के लोगों की गलती है।”

Madhu Paswan in his hometown Sitamarhi

एडिटर : “क्यों आपको लगता है कि जातिगत आरक्षण में गड़बड़ियां हैं, कई नेता तो कहते हैं आरक्षण गरीबी हटाओ योजना नहीं प्रतिनिधित्व का मामला है ?”

मधु : “आज 70 साल से ज्यादा हो गए आरक्षण को तब भी समाज का विकास क्यों नहीं हुआ किसी अन्य समाज तो हमारा आरक्षण लेने नहीं आया फिर भी हम क्यों पिछड़े रह गए।

जाहिर है इसमें गड़बड़ियां हैं तभी तो जो असल में गरीब हैं उनतक ये व्यवस्था नहीं पहुंची।”

एडिटर : “क्या आपको लगता है बमुश्किल कुछ लोगों की आवाज इस व्यवस्था में परिवर्तन कर पाएगी।”

मधु : “हमें कर्म करने में ध्यान देना चाहिए फल क्या होगा ये भविष्य के गर्म में है। हमारे परिवार के लोग पहले आरक्षण ले चुके हैं अब हमारी पीढ़ी इसको नहीं लेना चाहती।

हमारे पिता जी जो बिहार पुलिस में रहे हैं वो इस बात के लिए प्रेरित करते हैं। हमारी माता जी आरक्षण का फायदा लेकर गांव की प्रधान/सरपंच बनीं लेकिन मैं और मेरा भतीज आरक्षण नहीं लेना का निर्णय कर चुका है।”

Random Social media post of Madhu Paswan

एडिटर : “कई दल व नेता कहते हैं कि दलित समाज का उत्पीड़न 2014 में राष्ट्रवादी सरकार आने के बाद बढ़ा है, क्या मानते हैं आप ?”

मधु : “कोई भी समस्या एक दिन में नहीं पैदा होती, पहले हम पेड़ लगाते हैं जैसा पेड़ लगाएंगे वैसा ही फल मिलेगा। ये समस्या आज नहीं पहले ही पैदा की गई थी।

वैसे भी जातिवाद व उत्पीड़न हवा की बातें हैं आज सबसे ज्यादा अपराध अपने लोग करते हैं भाई भाई को जान ले लेता है, कुकृत्य में अक्सर अपने लोग मिलते हैं।

इसमें दलित ब्राह्मण के बीच की बात ही नहीं है लोग घर घर में लड़ाई झगड़े करते हैं उनमें जाति कहाँ से आती है।”

एडिटर : “दलित समाज के संरक्षण के लिए Sc/ST एक्ट बनाया गया क्या इसका सही उपयोग किया जा रहा है।”

मधु : “नहीं मुझे लगता है लोग इसका सही उपयोग करने की बजाय लोगों पर गलत थोप देते हैं, गांव में कई बार ये होता है। जो लोग करते हैं ऐसा वो बाबा साहब के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

हमारा संविधान सबसे बराबर भाईचारे की बात करता है लेकिन हमारे दलित समाज के कुछ तथा कथित ठेकेदार लोगों को लड़ाने का काम करते हैं और ये लोग दलित समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं कोई और समाज नहीं।”


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Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!

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2 Comments

  1. बहुत उत्तम, ऐसे ही अन्य सक्षम और सशक्त दलित आगे आयें और आरक्षण का त्याग करें.. यह एक उत्तम व्यवस्था होगी तभी निर्धन दलितों तक यह लाभ पहुंच पाएगी

  2. You are great. समाज से ऊपर उठकर बोलने की हिम्मत आजकल बहुत कम ही लोग कर पाते हैं.आपकी बातों में दम है ये हिम्मत शायद सभी को प्रभु दे की सच्चाई कह सके

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