नई दिल्ली : 19 अक्टूबर को झूठे एससी एसटी एक्ट में फसाये जाने के डर से विदिशा के किसान द्वारा आत्महत्या किये जाने के बाद से सवर्ण समाज में इस एक्ट का विरोध फिर से तेज हो गया है। सवर्ण संगठनों की ओर से एक बार फिर सोशल मीडिया पर भारत बंद का आह्वान किया जाने लगा है।
ज्ञात हो की इससे पहले भी 6 सितम्बर को सवर्णो का कथित भारत बंद हुआ था जिसका कर्ता धर्ता सोशल मीडिया ही निकल कर सामने आया था।
सवर्ण संगठनों की तरफ से आगामी 30 अक्टूबर को महा भारत बंद का आह्वान किया जा रहा है जिसमे लोग बाकायदा कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर की फोटो के साथ सवर्णो व ओबीसी समाज से इस बंद में साथ देने की अपील कर रहे है। पिछली बार हुए भारत बंद का व्यापक असर मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में देखने को मिला था जिसके बाद से सवर्णो के भारत बंद को बड़े बड़े मीडिया टीवी चैनेलो ने कई हफ्तों तक भरपूर पानी पिलाया था।
आपको हम बताते चले की पिछले हुए सवर्णो के भारत बंद में कोई भी पार्टी इनका खुल कर समर्थन करने नहीं आई थी जिसके बाद से राजनीतिक स्तर पर सवर्णो को अपने नेता की कमी महसूस होने लगी थी ।
एससी एसटी एक्ट व जातिगत सरकारी नीतियों की विरोध में कार्य करने वाली युथ फॉर इक्वलिटी स्टूडेंट यूनियन के मीडिया प्रभारी शिवम् पाठक ने बताया की “जब तक भाजपा सरकार एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पुनःस्थापित नहीं करती है तब तक सवर्णो द्वारा भारत बंद हर एक निश्चित समय काल बाद देश को देखने को मिलता रहेगा”।
भारत बंद के इस आह्वान के बाद भाजपा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती है क्यूंकि जिन राज्यों में पिछले बंद का असर देखने को मिला था उनमे से दो राज्यों में चुनाव सिर पर है जिनमे भाजपा की हालत पहले से ही खस्ता बताई जा रही है, अब देखना होगा की किस हद तक 30 अक्टूबर भारत बंद सफल हो पाता है ।