इंदौर: सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल कर दावा किया जा रहा है कि इंदौर में कोरोना प्रतिबंध में बच्चा किराना लेने गया तो अस्थायी जेल में डाल दिया गया। हालांकि तस्वीर की सच्चाई कुछ अलग ही निकली।
इसी तस्वीर को शाजापुर (काला पीपल) से कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भी साझा किया और लिखा है “इस बच्चे का अपराध सिर्फ इतना है कि यह अपने परिवार के लिए किराना लेने निकला था और उसे अस्थाई जेल ले जाया जा रहा है शर्म करो इंदौर प्रशासन! शर्मनाक।”
वहीं एक अन्य कांग्रेसी नेता व मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी सोशल मीडिया विभाग के सचिव आकाश यादव ने भी यही तस्वीर साझा की और लिखा “इतना निर्दयी कोई कैसे हो सकता है? ये कैसा प्रशासन है, घर के लिए राशन लेने निकले मासूम बच्चे को अस्थायी जेल में डाल दिया गया। आटा और तेल की बोतल पकड़े बच्चे के परिवार की स्थिति कैसी होगी यह आप तस्वीर में देख सकते है।”
पोस्ट भ्रामक, किसी बच्चे को नहीं भेजा गया अस्थायी जेल: अपर कलेक्टर
उधर इंदौर प्रशासन ने अब वायरल तस्वीर पर आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त कर इसे भ्रामक करार दिया है। अपर कलेक्टर इंदौर पवन जैन ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबर “राशन लेने के लिए घर से निकले बच्चे को भेजा गया अस्थाई जेल” की वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए बताया है कि यह खबर पूर्णतः भ्रामक है। किसी भी बच्चे को जनता कर्फ्यू के दौरान अस्थाई जेल नहीं भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें पोस्ट और अग्रेषित करने वालों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जाएगी।