रांची: हाल में सरना धर्म कोड को झारखंड विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित किया गया है। लेकिन अब इसपर राजनीति भी शुरू हो गई है।
दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व दलित नेता उदिराज ने सरना कोड के जरिए हिंदू धर्म पर एक विवादित टिप्पणी की है। उदितराज ने कहा कि “हेमन्त सोरेन जी को धन्यवाद कि कैबिनेट से सरना धर्म कोड पास करके केंद्र को भेजा। आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है लेकिन हिन्दू संस्कृति के करीब आकर खतरे आ गया है।”
ईसाई मिशनरियां उकसा रही हैं:
हाल ही में आरएसएस ने कहा था कि आगामी जनगणना में आदिवासी धर्म वाले कॉलम में अपना धर्म हिन्दू लिखे, इसके लिए वह अभियान चलवाएगी।उसका मानना है कि ईसाई मिशनरी आदिवासियों को इस बात के लिए उकसा रही हैं कि जनगणना में वह धर्म वाले कॉलम में अपनी जनजाति का जिक्र करें, न कि हिन्दू धर्म में खुद को शामिल करें।
केंद्र सरकार कर चुकी है इनकार:
सरना धरम कोड का पारित होना उतना आसान नहीं है, जितनी आसानी से झारखंड विधानसभा से पारित हो गई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी, हिंदुत्व की राजनीति करती है। वह सभी भारतीय को हिंदुत्व के एक छतरी में लाने की कोशिश में जुटी है। ऐसे में वह नहीं चाहेगी की एक और धर्म कोड को जनगणना सूचि में स्थान मिले। सरना धर्म कोड स्वीकार होने की स्थिति में, भाजपा की राजनीतिक आकांक्षाओं को धक्का लगेगा।
केंद्र सरकार की बात करें तो वह पूर्व में सरना धर्म कोड की मांग को ठुकरा चुकी है। वह आदिवासी समाज को अनुसूचित जनजाति के रूप में स्वीकार करती है।