दिव्यांग छात्र गोविंद : विकलांगता सर्टिफिकेट नहीं, बस 1 ट्राइसिकल दे दो

नईदिल्ली : यह खबर है गोविंद नाम के दिव्यांग कक्षा 3 के छात्र की, जिन्होंने अपनी आपबीती कुछ ऐसे सुनाई है |

पेन गिर जाए तो साथी मुंह में रखते हैं : गोविंद 

मैं गोविंद, कक्षा तीन में हूं और मेरी उम्र 9 साल है मेरे हाथ पैर नहीं है इसलिए मेरे दादाजी घासीराम मुझे उठाकर स्कूल आते हैं | मेरे क्लास में पढ़ने वाले सभी साथी हमेशा मेरी मदद को तैयार रहते हैं पता है जब भी कभी चैन गिर जाए तो उठाकर मुंह में रख देते हैं | क्योंकि मैं मुंह से पेंट पकड़ कर लिखता हूं स्कूल में मेरी मौखिक परीक्षा, परीक्षा होती है और मैं हर बार पास होता हूं |

दादाजी अब मेरा वजन उठाने में थक जाते हैं : गोविंद 


मेरा गांव रामगढ़ जिले में धरमजयगढ़ खरसिया मार्ग पर स्थित मुंदगांव है मेरे पिता कृष्ण कुमार राठिया मजदूरी करते हैं मेरे कारण मां मजदूरी करने नहीं जा पाती क्योंकि उन्हें मेरा ख्याल रखना पड़ता है | मालूम है, जब हमारे खाने की छुट्टी होती है ना, तो मुझे खाना खिलाते हैं, फिर छुट्टी होने तक वह मेरे स्कूल के बाहर बैठे रहते हैं | क्योंकि मुझे उनकी गोदी में बैठकर स्कूल जाना पड़ता है ना, लेकिन अब मेरा वजन बढ़ गया है इसलिए वह मुझे उठाने में थक जाते हैं |

एक ट्राइसिकल मिल जाए तो मजा आ जाएगा : गोविंद की मांग 

मैं सोच रहा हूं कि ट्राई साइकिल से स्कूल जाऊं बड़ा मजा आएगा | लेकिन आएगी कैसे कई बार हम शिविर में गए लेकिन कोई देता ही नहीं दादा जी बता रहे थे कि मेरे पास विकलांगता सर्टिफिकेट नहीं है | इसलिए नहीं मिल पा रही तीन बार रायगढ़ कलेक्ट्रेट भी गए लेकिन नहीं मिली | {सौजन्य से डीबी समूह}

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