राँची: झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासियों और पिछड़ों के आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी की है। इसे ध्यान में रखते हुए मोर्चा की सहयोगी कांग्रेस ने पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण की माँग छेड़ दी है।
राज्य में मुस्लिमों की तादाद लगभग 50 लाख है जो पूरी आबादी का 15 प्रतिशत है। इस तबके को लुभाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और जामताड़ा के विधायक डा. इरफान अंसारी ने पिछड़े मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की आवाज बुलंद की है।
कांग्रेस विधायक अंसारी ने कहा कि जब उन तमाम समुदायों को आरक्षण की पहल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार कर रही है तो पिछड़े मुसलमानों के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण पर गंभीरता से विचार करना होगा।
आगे विधायक ने कहा कि पिछड़े मुसलमानों की सामाजिक भागीदारी नगण्य है और वे विकास की दौड़ में भी काफी पीछे हैं। सरकारी नौकरियों में उनकी तादाद बहुत कम है और यह तबका गुरबत में भरण-पोषण कर रहा है। सरकार ने अगर इस पहल में सकारात्मक पहल की तो पिछड़े मुसलमानों की युवा पीढ़ी का इंसाफ मिलेगा।
विधायक ने कहा कि समाज के सबसे नीचे पायदान पर अल्पसंख्यक है और अल्पसंख्यकों को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है। जिस कारणवश समाज के लोग पलायन करने को मजबूर है।
विधायक ने कहा कि दुमका चुनाव जीतने के तुरंत बाद वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर अल्पसंख्यकों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की मांग रखेंगे। झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के गठन में अल्पसंख्यकों का बड़ा योगदान रहा है। कहा कि पूर्व की सरकार ने यहां के अल्पसंख्यकों को हमेशा दरकिनार करके चलने का काम किया और सभी संसाधनों एवं तंत्रों मे बाईपास करने का काम किया। विधायक ने कहा कि भाजपा ने 18 वर्षाें से अल्पसंख्यक वर्ग के सभी अधिकारों का हनन किया है।