गुवाहाटी: पूर्वोत्तर के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हर महीने बंद रहने वाले मणिपुर में 4.5 साल से NDA की सरकार है और एक भी बार बंद नहीं हुआ। अगर इच्छा शक्ति हो तो सब कुछ हो सकता है और नार्थ ईस्ट की शांति इसका जीता जागता उदाहरण है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल गुवाहाटी में अनेक विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और उद्घाटन किया। उन्होंने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (GMCH) स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में रेडियो थेरेपी ब्लॉक का उद्घाटन और नई LINAC मशीन का लोकार्पण किया।
अमित शाह ने तामूलपुर मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी ने इस मेडिकल कालेज की मांग नहीं की बल्कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पहल करते हुए इस कालेज की स्थापना का निर्णय लिया
गृह मंत्री ने कोविड से जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये के चेक भी प्रदान किए।
हालिया कैबिनेट विस्तार पर बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से 5 कैबिनेट मंत्री बने हैं जिससे जाहिर होता है कि श्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता में नॉर्थ ईस्ट कहां खड़ा है
उन्होंने कहा कि असम में अपने बल पर दूसरी बार हमारी सरकार बनने से स्पष्ट हो गया कि असम की जनता ने आंदोलन, हथियार और आतंकवाद तीनों को छोड़कर विकास के रास्ते पर जाने का मन बना लिया है। पूरे नार्थ-ईस्ट की अलग-अलग प्रकार की बोलियां, संस्कृति, भाषाएं, गीत-संगीत, अलग-अलग खानपान न केवल नॉर्थ-ईस्ट बल्कि भारत का गहना है
गृहमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने पूरे नॉर्थ-ईस्ट की विकास यात्रा चालू की है और साढे 6 साल में मोदी जी स्वयं 35 बार यहां आए, एक भी पखवाड़ा ऐसा नहीं गया जिसमें 15 दिन के अंदर कोई ना कोई मंत्री नॉर्थ-ईस्ट में न आया हो। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में असम सरकार द्वारा आने वाले समय में असम में 21 मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं जो देश के दूसरे राज्यों में आबादी के अनुपात से बहुत बड़ा काम है
उन्होंने कहा कि असम में कैंसर अस्पताल बनने से पूरे नार्थ-ईस्ट को फायदा होगा, यहां के छात्रों द्वारा दिए गए कैंसर रिसर्च पेपर देश-विदेश में पढ़े जाएंगे। पूर्व की सरकारों द्वारा किए गए कई समझौते बंद बक्सों में पड़े थे जिन पर धूल जम चुकी थी, नरेंद्र मोदी के समय में बोडोलैंड से समझौता हुआ और नब्बे परसेंट तक अनुपालना हो चुकी है।
अंत में उन्होंने कहा कि 2022 से पहले 35 हजार से ज्यादा ब्रू परिवारों को 35 साल के बाद पहली बार रहने की भूमि मिलेगी, अनाज मिलेगा, ₹4500 पेंशन मिलेगी और सम्मान भी मिलेगा। 2024 के पहले न केवल असम बल्कि पूरा नॉर्थ-ईस्ट आतंकवाद, आंदोलन के रास्ते से निकलकर विकास के रास्ते पर चल कर आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री जी ने नेरेटिव सेट किया है कि विकास के लिए आंदोलन की नहीं सहयोग और परिश्रम की जरूरत है उसे असम की जनता समझ चुकी है।