/

Human Rights Council में भारत की जीत, जानिए क्या हैं इसके मायने

दिल्ली(भारत):- संयुक्त राष्ट्र के एक महत्वपूर्ण अंग “ह्यूमन राइट्स कॉउन्सिल”(UNHRC) का भारत मेंबर बनने जा रहा है। ह्यूमन राइट्स कॉउन्सिल की स्थापना 2006 में हुई थी।

अब हम आपको बताते हैं कि आखिर UNHRC है क्या? जैसा कि ऊपर बताया गया है यह संयुक्त राष्ट्र का एक अभिन्न अंग है, जो कि दुनिया में ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन न हो इसके लिए कार्य करता है। UNHRC के पास यह भी पॉवर होती है कि यदि उसे लगता है कि किसी देश में ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन हो रहा है तो वह उस देश के खिलाफ जाँच कर सकता है, जैसा कि तब हुआ था जब UNHRC ने दावा किया था कि सीरिया में “केमिकल हथियारों” का इस्तेमाल हुआ है। इसका मुख्यालय जेनेवा(स्विट्ज़रलैंड) में स्थित है। इसके 47 देश मेंबर होते हैं जो कि परमानेंट नहीं होते हैं, जिसमे से 18 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी।

संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में वोटिंग इसलिए हुई थी कि भारत ह्यूमन राइट्स कॉउन्सिल का सदस्य बने या नहीं। हम आपको बता दे संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के 193 देश शामिल हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 193 देशों में से 188 देशों ने भारत के पक्ष में वोट किया, जिससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि दुनिया के बाकि देश “गणतंत्र भारत” के बारे में क्या सोच रखते हैं। जिन 5 देशों ने भारत के पक्ष में वोट नहीं किया उनमे से एक ने ना भारत के पक्ष में वोट किया और ना ही विपक्ष में, वह देश तटस्थ रहा। बस दुनिया के चार देश ऐसे थे जिन्होंने भरत के विपक्ष में वोट किया। आप बस उन 4 देशों का अंदाजा लगा सकते हैं, क्योकि संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग गुप्त तरीके से होती है।

18 सीटों के लिए हुई वोटिंग में भारत इकलौता ऐसा देश था जिसे सबसे ज्यादा वोट हासिल हुए। भारत का कार्यकाल 1 जनवरी से लेकर आने वाली 3 सालों तक होगा। फिलीपींस, इरीट्रिया, बहरीन, कैमरुन भी इसके सदस्य बने हैं, परन्तु इनके ऊपर ह्यूमन राइट्स की देखरेख करने वाले संगठनों ने आपत्ति जताई है।

UNHRC की 47 सीटों को क्षेत्र के आधार पर बांटा गया है। जिस क्षेत्र में जितनी सीटें निर्धारित हैं, उन पर केवल उस क्षेत्र के देश मेंबर बन सकते हैं। यदि लगातार दो बार कोई देश UNHRC का मेंबर बन जाता है, तो तीसरी बार वह देश सदस्य बनने की लिए आवेदन नहीं कर सकता है। UNHRC की सीटों को निम्न प्रकार से बांटा है:
अफ्रीकी देश : 13 सीटें
एशियाई देश : 13 सीटें
पूर्वी यूरोपियन देश : 06 सीटें
लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन देश : 08 सीटें
पश्चिमी यूरोपियन देश और अन्य देश : 07 सीटें

वर्तमान में UNHRC की कमिश्‍नर “Michelle Bachelet” हैं, जो कि चिली देश से हैं। इनसे पहले जॉर्डन के जैद राद अल हुसैन कमिश्‍नर थे जिन्होंने कश्मीर पर अपनी विवादस्पद रिपोर्ट दी थी।

UNHRC से अमेरिका ने अपने आपको निकाल लिया है क्योकि उसका कहना कि यह सिर्फ एक प्रकार कि सोच रखता है। लेकिन फिर भी UNHRC संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा है तो कहीं-न-कहीं भारत को इससे लाभ होगा।

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

जो रावण दहन करेगा उसपर दर्ज कराएँगे एट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा – भीम आर्मी

Next Story

दलित बसपा नेता ने डाली ब्राह्मण विरोधी पोस्ट, मायावती ने किया निष्काषित

Latest from करंट अफेयर्स

उत्तराखंड के ‘जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क’ का नाम बदलकर होगा ‘रामगंगा नेशनल पार्क’, मोदी सरकार की घोषणा

नैनीताल: उत्तराखंड के मशहूर जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का नाम भी अब बदल जाएगा। नया नाम…

100% दिन की ऊर्जा जरूरत सौर ऊर्जा से पूरा करने वाला रेलवे स्टेशन बना चेन्नई सेंट्रल, PM ने जताई खुशी

चेन्नई: दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के अंतर्गत आने वाले चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन ने स्टेशन के…