लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर की राजनीति गरमा गई है। सुल्तानपुर में हुई एक डकैती के मुख्य आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिल रही है। अखिलेश यादव ने मंगेश यादव की हत्या को जातिगत भेदभाव का परिणाम बताया, वहीं सीएम योगी ने इसे अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई बताया।
अखिलेश का आरोप जाति देखकर किया गया एनकाउंटर
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 5 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि मंगेश यादव को दो दिन पहले पुलिस ने उठाया था और बाद में एनकाउंटर के नाम पर उसे गोली मार दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि मंगेश की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह एक विशेष जाति से था। अखिलेश यादव ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए ताकि सबूतों को मिटाया न जा सके।
सीएम का पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जब भी किसी अपराधी का एनकाउंटर होता है, तो कुछ लोग बेवजह चिल्लाने लगते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी की जाति देखकर कार्रवाई नहीं करती, बल्कि कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाती है। योगी ने कहा कि अपराधियों को संरक्षण देने वालों की ही सबसे ज्यादा तकलीफ होती है।
राहुल गांधी को एनकाउंटर की निष्पक्षता पर शक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, वही लोग कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि यूपी एसटीएफ के दर्जनों एनकाउंटर पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई और कौन इन्हें बचा रहा है?
12,500 मुठभेड़, 207 अपराधी ढेर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साढ़े 7 साल के कार्यकाल में यूपी में लगभग 12,500 मुठभेड़ हुईं। इन मुठभेड़ों में 207 अपराधी मारे गए और साढ़े छह हजार से ज्यादा घायल हुए। करीब 27 हजार आरोपी गिरफ्तार किए गए। मेरठ जोन में सबसे ज्यादा 66 क्रिमिनल पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जबकि वाराणसी जोन में 21 और आगरा जोन में 16 आरोपी ढेर हुए।
जाति के आधार पर एनकाउंटर की बात करें तो सवर्णों में 20 ब्राह्मण, 18 ठाकुर, 17 जाट-गुर्जर और 16 यादव जाति के अपराधी मारे गए। पुलिस मुठभेड़ में 67 मुस्लिम अपराधी और 3 दलित अपराधी मारे गए।
पूर्व DGP का बयान: जाति देखकर कार्रवाई नहीं
उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि किसी भी अपराधी के खिलाफ कार्रवाई उसकी जाति देखकर नहीं की जाती। उन्होंने बताया कि बीते साढ़े सात साल में जो एनकाउंटर हुए हैं, उनमें 67 मुस्लिम अपराधी और 130 हिंदू अपराधी मारे गए। जाति और धर्म के आधार पर एनकाउंटर करने का आरोप बेबुनियाद है।
एनकाउंटर पर व्यापार मंडल का समर्थन
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने से व्यापारी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर एनकाउंटर गलत हो रहे होते, तो मानवाधिकार आयोग आपत्ति दर्ज कराता।
विवादास्पद एनकाउंटर: विकास दुबे, असद और अब मंगेश यादव
सुल्तानपुर की डकैती के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। अखिलेश यादव ने इसे फर्जी करार दिया है, जबकि पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि मंगेश यादव को पहले पुलिस ने घर से उठाया और बाद में एनकाउंटर दिखाकर उसकी हत्या कर दी।
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने दावा किया कि STF की टीम का नेतृत्व कर रहे CO डीके शाही की एनकाउंटर के वक्त की तस्वीरों में वह स्लीपर पहने हुए दिखाई दे रहे हैं। इस चप्पल में दौड़ना और एनकाउंटर के दौरान आवश्यक गतिविधियों को करना संभव नहीं है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। एनकाउंटर के इस मामले ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है और जाति-धर्म के मुद्दों पर भी सवाल खड़े किए हैं।