पंजाब: नीट की परीक्षा देश भर में डॉक्टर की पढाई के लिए एडमिशन के लिए ली जाती है जिसमे न्यूनतम अंक तय न किये जाने के कारण -25 अंक पर भी एडमिशन देखने को मिले है।
पंजाब में कुल 50 ऐसे छात्र है जिनके एक अंक में नंबर आये है। इनमे से सात छात्रों ने तो जीरो अंक पर भी बाजी मार ली है। एक अन्य छात्र ने माइनस 10 में एडमिशन लेकर साबित कर दिया की भारत में कुछ भी संभव है।
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हैरानी की बात यह है की जिन छात्रों ने एक अंक में नंबर प्राप्त किये है उनमे से 15 प्रतिशत का दाखिला प्रतिष्ठित सरकारी कॉलेज में हुआ है।
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एडमिशन मिले छात्रों के अंक
Total Marks(out of 720) | Physics(out of 180) | Chemistry(out of 180) | Biology(out of 360) |
170 | -25 | 10 | 180 |
142 | -9 | 15 | 136 |
152 | -4 | 41 | 115 |
181 | -2 | 54 | 129 |
136 | -1 | 22 | 115 |
पंजाब के सबसे महंगे मेडिकल कॉलेज ‘आदेश मेडिकल कॉलेज’ MBBS की पढ़ाई के लिए 68 लाख रूपए वसूलता है। इसी मेडिकल कॉलेज के आधे से अधिक छात्रों को फिजिक्स व केमिस्ट्री में जीरो, और माइनस अंको पर एडमिशन मिला है।
हालाँकि इतने गिरते शिक्षा के स्तर पर मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने मेरिट को बनाये रखने को लेकर कोई आश्वासन अभी तक नहीं दिया है।
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कोई गवार भी न्यूनतम 10 अंक नीट में ला सकता है: एक्सपर्ट
नीट परीक्षा में अगर आप बिना पढ़े भी जाए तो न्यूनतम 10 अंक ला सकते है। दरअसल नीट में फिजिक्स व केमिस्ट्री में 45-45 प्रश्न पूछे जाते है वही बायोलॉजी में 90 प्रश्न आते है। हर ठीक जवाब पर 4 अंक व गलत जवाब पर माइनस एक अंक दिया जाता है।
अगर मान भी लिया जाये कोई एक तरफ से भी उत्तर बिना पढ़े भरता है तो भी उसके 180 में से 10 अंक आ जायेंगे जिससे आप समझ सकते है की इन छात्रों का कितना बुरा प्रदर्शन रहा है।
करता एडमिशन मीलने के बाद डोकटर होने का प्रमाणपत्र दिया जाता है कि पांच साल पढाने के बाद परिक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद डोकटर का प्रमाणपत्र दिया जाता है ??
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सरकार को एक सुझाव है कि ऐसे बच्चों को 5 साल 3 साल जितने साल का भी कोर्स हो मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त करने की डिग्री भेज देना चाहिए फिर इसके बाद जिस नौकरी पर इनकी इच्छा हो उसका फार्म किसी बड़े अधिकारी को भेजकर पूर्ण करा कर आगामी महीने से वेतन घर भेज देना चाहिए । कम से कम यह सामने ना देखेंगे और दुख भी ना होगा ओम शांति शांति शांति
Masha allah
ऐसे लोगों की परीक्षा ही नही लेनी चाहिए
या फिर ऐसे लोगों के हॉस्पिटल अलग होने चाहिए और उसमें उसी तरह के मरीजों को भर्ती किया जाना चाहिए और सभी नेताओं का इलाज भी ऐसे ही डॉक्टर्स से कराया जाना चाहिए
इसलिए कोई भी व्यक्ति सरकारी अस्पतालों में दवा लेने से कतराता है ऐसे लोगों से दवा लेने से अच्छा है कि भले ही लम्बी लाइन में लगना पडे लेकिन दवा बिना आरक्षण वाले डाक्टर से ही लें धन्यवाद।
100%fact kaha bro… Even khud mai kbi b reservation wale doctor ko prefer ni karta hu… Wo bimari theek ni… Aur bada dete h…
India is great bhimraiambadar is great
भारत में वैसे भी किसी की जान की कीमत ही कहाँ है? मोटरसायकल चलाने वाले और उनको गाड़ी दिलाने वालों ने स्पीड को ज्यादा महत्व दिया जीवन से,उसी तरह नेताओं ने वोट बैंक को ज्यादा महत्व दिया जनता के जीवन से। नेताओं का इलाज तो 7 स्टार अस्पताल में होगा उन्हें 0 प्रतिशत वाले डॉक्टर के पास थोड़े ही जाना है। 0 % वाले जल्द से मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर बनेंगे और यही आने वाली नस्लों को डॉक्टर बनाएंगे ।फिर इनके बच्चों को भी यही सुविधा मिलेगी यानी सामान्य वर्ग को सिवाय खुदकुशी के कुछ नहीं बचा है। भारत हमेशा महान रहेगा।