नई दिल्ली: UPSC की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाने का विवाद खड़ा हो गया है।
सिविल सेवा के लिए देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा मानी जाने वाली UPSC परीक्षा को लेकर अब एक विवाद खड़ा हो गया है। ये विवाद तब खड़ा हुआ जब सुदर्शन TV के संपादक सुरेश चव्हाणके ने UPSC में मुसलमानों की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए।
हालांकि UPSC पर सवाल उठाने में सुदर्शन टीवी के पहले कांग्रेस नेता ने भी हैं। फ़लाना दिखाना की टीम ने कांग्रेस के दलित नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता उदित राज के कुछ बयानों को उजागर किया है जिसमें वो आयोग पर बेबुनियाद टिप्पणियां कर रहे हैं।
उदित राज ने ये बयान अपने एक संगठन आल इंडिया परिसंघ के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दिए हैं जिनके वो कर्ताधर्ता व राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
हमें यूपीएससी बोर्ड के सदस्यों में कोई विश्वास नहीं है, ब्राह्मणवादी व्यवस्था है जो sc st obc समुदाय के खिलाफ काम करती है ।
हमारी मांग है
1 लाइव साक्षात्कार
2 उत्तर पुस्तिका
3 लिखित परीक्षा में अंक
4 साक्षात्कार में अंक
5 वेबसाइट पर डेटा अपलोड करें #UPSC_Scandal— All India Parisangh (@aiparisangh) August 14, 2020
यूपीएससी सवर्ण तुष्टीकरण बंद करे। SC, ST, OBC सीटों की लूट बंद करे। #UPSC_Stop_Savarna_Appeasement
— All India Parisangh (@aiparisangh) August 9, 2020
क्या मोदी सरकार बताएगी कि UPSC में इस समय एक भी SC, ST, OBC, माइनॉरिटी का मेंबर क्यों नहीं है? आप जब सिर्फ सवर्णों की संस्था बनाएँगे तो यही होगा। #UPSC_Scam pic.twitter.com/7axtQ5rTiE pic.twitter.com/BGWAuP2x5t
— All India Parisangh (@aiparisangh) August 5, 2020
क्यों बना सुदर्शन TV का प्रोग्राम विवाद:
सुरेश चव्हाणके ने अपने कार्यक्रम का एक प्रोमो वीडियो साझा किया था। इसमें वह कहते नजर आ रहे हैं ‘अचानक आईपीएस आईएएस में मुसलमान कैसे बढ़ गए? सोचिए अगर मुस्लिम अधिकारी आपके जिलाधिकारी होंगे और मंत्रालय में सचिव होंगे तो क्या होगा?’। उन्होंने आगे ‘जामिया के जिहादी’ शब्द का भी इस्तेमाल किया। चौहान के इसी वीडियो पर बवाल मचा है। आईपीएस एसोसिएशन ने भी उनके इस बयान की निंदा की है। उधर देश भर के तमाम आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने भी इसे निंदनीय बताया है।
प्रशासनिक संस्थाओं ने की निंदा:
इस पूरे मामले पर आईपीएस एसोसिएशन ने बयान जारी किया। कहा, ‘ सुदर्शन टीवी पर एक स्टोरी प्रमोट की जा रही है, जिसमें सिविल सर्विसेस के उम्मीदवारों पर धर्म के आधार पर निशाना साधा जा रहा है। हम इस सांप्रदायिक और गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता की निंदा करते हैं।’
उधर, इंडियन पुलिस फाउंडेशन ने भी बयान जारी किया है और कहा, ‘ नोएडा के एक चैनल ने अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा आईएएस और आईपीएस ज्वाइन करने को लेकर एक हेट स्टोरी चलाई है। यह अपमानजनक है। हमें उम्मीद है कि यूपी पुलिस और प्रशासन इसके खिलाफ कार्रवाई करेगा’।
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