नई दिल्ली: जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर कार्रवाई अब और तेज हो गई है।
इस कानून के मुख्य पक्षधर व याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता के मुताबिक जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का वक्त मांगा है।
जानकारी के मुताबिक अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 अगस्त को तय की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था, यह याचिका भाजपा नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी। जिसपर सुनवाई के दौरान सरकार ने 4 सप्ताह की मोहलत मांगी है।
#जनसंख्या_नियंत्रण_कानून पर 4 सप्ताह में अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी केंद्र सरकार, 14 अगस्त को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाईhttps://t.co/t0QCTuhQiu@HMOIndia @AmitShah @JPNadda @blsanthosh @rsprasad @OfficeOfRSP@PMOIndia @narendramodi
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniBJP) July 18, 2020
ये विशेष याचिका पिछले साल सितम्बर में तब दाखिल की गई थी जब दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका को रद्द कर दिया था।
कोरोना वैक्सीन से जरूरी जनसंख्या नियंत्रण कानून: PIL मैन
देश में PIL मैन के नाम से मशहूर अश्विनी उपाध्ययाय जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर कर चुके हैं। कोर्ट नें उनकी याचिकाओं पर संज्ञान भी लिया है।
अब अश्विनी उपाध्याय ने देश में कानून सुधार व कानून लागू करने की माँग की है जिसे उन्होंने कोरोना वैक्सीन से भी आवश्यक करार दिया है।
अश्विनी उपाध्याय ने अपने बयान में कहा कि “कोरोना वैक्सीन से भी ज्यादा जरूरी है: चुनाव सुधार, पुलिस सुधार और न्यायिक सुधार करना, धर्मांतरण नियंत्रण, घुसपैठ नियंत्रण और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना, सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा और समान चिकित्सा तथा सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना।”
इन विषयों पर नजर डालें तो जनसंख्या नियंत्रण व यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे मुद्दों पर सरकार के मंत्री उदाहरण गिरिराज सिंह काफी वोकल रहे हैं। वहीं कुछ दिन पहले खुद देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नें जनसंख्या नियंत्रण पर जरूरी कदम उठाने की बात कही।
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