Representation Purpose
/

SC-ST एक्ट का दंश: माँ का शव सड़ने पर भी नहीं मिली जमानत, पुत्र विरह में तोड़ा था दम

अमेठी: अमेठी के थाना मुंशीगंज के अंतर्गत आने वाले बन्दोइया में एससी एसटी एक्ट के तहत आरोपी बनाये गए इकलौते पुत्र को अपनी माँ के अंतिम संस्कार में भी शामिल होने की इज़ाज़त नहीं दी गई है। दरअसल हमने अपनी पहली रिपोर्ट में बताया था कि राजेश मिश्रा को प्रधान पति को जिन्दा जलाये जाने के प्रकरण में फर्जी तरीके से नामजद कर दिया गया था। जिसके बाद विरह में उनकी माँ ने बेटे से बिछड़ने के चलते दम तोड़ दिया था।

माँ के जाने के बाद जब राजेश मिश्रा ने परोल दिए जाने के लिए प्रशासन के पास दरवाजा खटखटाया तो उन्हें कोर्ट से परोल लिए जाने के लिए कहा गया था। जिसके बाद एससी एसटी कोर्ट ने उन्हें वापस सरकार से परोल लिए जाने के लिए कहा था। वहीं एससी एसटी कोर्ट के कहने पर भी प्रशासन ने परोल दिए जाने से मना कर दिया। प्रशासन ने परिजनों को बताया कि विचारधीन कैदी के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। जबकि दोषी करार दिए गए कैदियों को रिहा किया जा सकता है।

Deceased Mother

अपने इकलौते पुत्र के इंतजार में पड़ी लाश जब सड़ने लगी तो आनन फानन में राजेश मिश्रा के पुत्र अमित मिश्रा ने दाह संस्कार किया। प्रशासन से निराश व एससी एसटी एक्ट का दंश झेल रहे राजेश के परिजन अपने को लगातार कोसते हुए दिखे। उन्होंने हमें बातचीत में बताया कि उन्हें उनकी ब्राह्मण जाति होने का फल दिया जा रहा है। जिसके चलते उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

राजेश के पुत्र अमित बताते है कि यही उनकी जगह कोई दलित होता तो मीडिया पूरा हंगामा खड़ा कर देती। लोग सड़क जाम कर देते व नेता संसद में नारेबाजी करने लग जाते। मानव अधिकार का हनन बताने वाले अवार्ड वापस कर देते। लेकिन ऊँची जाति के चलते कोई उनका दर्द पूछने वाला भी नहीं है।

प्रधान पति के खिलाफ राजेश मिश्रा ने करी थी शिकायत
दरअसल राजेश मिश्रा के यहाँ नल व शौचालय लगवाने के नाम पर दलित प्रधान पति अर्जुन कोरी ने उनके नाम पर लाखो रुपयों का गभन कर लिया था। जिसमे RTI के माध्यम से राजेश ने जानकारी निकाल इसकी शिकायत प्रशासन से करी थी। जिसपर जांच गठित करी गई थी।

जाँच के डर व जेल जाने के भय से प्रधान पति ने एक अन्य RTI एक्टिविस्ट कृष्ण कुमार के घर में घुसकर आग लगा ली व आरोप कृष्ण कुमार, उनके 15 वर्षीय बेटे सहित तीन अन्य लोगो पर लगा दिया था। जिसके बाद से सभी आरोपी जेल में है।

शव से बदबू आने पर किया अंतिम संस्कार
पुत्र विरह में दम तोड़ने वाली माँ को अंतिम संस्कार के लिए भी अपने बेटे का कन्धा नसीब नहीं हो सका। चार दिनों तक इंतज़ार करने के बाद जब शव से दुर्गन्ध आने लगी तब परिजनों ने बिना पुत्र के ही दाह संस्कार कर दिया।

Update: We are facing some issues with our donation gateway. Sorry for the inconvenience. Meanwhile, You can donate to us via Paytm/UPI/GPay on 8800454121.

+ posts

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

कभी कॉमेडियन ने ‘पिया घर आया ओ राम जी’ से उड़ाया था राम का मज़ाक, अब इंदौर में किया तो गिरफ्तार

Next Story

मुंबई: समीर शेख वाशरूम के दरवाजे के नीचे से ले रहा था महिला की फोटो, दबोचा गया

Latest from दुराचार

13 वर्षीय हिन्दू किशोरी के साथ मोहम्मद बेचन व उसके साथियों ने किया गैंगरेप, तीन दिन बाद भी सभी आरोपी फरार

खगड़िया- बिहार के खगड़िया जिले में एक 13 वर्षीय हिन्दू किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने…

एमपी- शादी का झांसा देकर हिन्दू युवती को बनाया हवस का शिकार, कोर्ट ने आरोपी अल्पेश खां को सुनाई उम्रकैद की सजा

सीहोर- मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में एक नाबालिग हिन्दू युवती को बहला फुसला कर उसके साथ…