सुषमा जी बर्थडे: बोली थीं ‘गीता राष्ट्रीय पुस्तक हो’, नकबी नें समर्थन किया था

नईदिल्ली : आज यानी 14 फरवरी के दिन ही विदेश मंत्री श्री मति सुषमा स्वराज का जन्म हुआ था | उन्हें लोग सरल, सहज व कुशल स्वभाव राजनेता के रूप में लोग मानते हैं |

2014 में 4 लाख वोटों से जीती थीं लोकसभा चुनाव :

वर्तमान में विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सभालने वाली सुषमा जी का जनम साल 1952, तारीख 14 फ़रवरी को हरियाणा के अंबाला कैंट में हुआ था | उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई संस्कृत और समाजिक विज्ञान में की थी |

कालेज के दिनों में ही उन्होंने अपने आप को ABVP की छात्र राजनीति से जोड़ लिया था | इमरजेंसी के बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश किया | इसके बाद से सक्रिय राजनेता बन चुकी सुषमा जी 7 बार सांसद व 3 बार विधायक भी चुनी गई हैं | पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2014 में एमपी की विदिशा सीट से सांसद बनी थीं जिसमें उन्होंने विरोधी को लगभग 4 लाख वोटों से हरा दिया था इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी लोकप्रियता आम लोगों में कितनी है |

गीता को राष्ट्रीय पुस्तक बनाने वाला उनका बयान :

26 मई 2014 को उन्होंने पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली थी | आपको बता दें कि वो इंदिरा जी के बाद दूसरी महिला विदेश मंत्री बनी हैं | विदेश मंत्री बनने के बाद 8 दिसंबर 2014 की बात है जब उन्होंने राज्यसभा में शून्यकाल में बयान दिया था कि ” भगवद्गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ बनाना चाहिए ” |

हालांकि विरोधियों नें उनके इस बयान की ये कहकर कड़ी निंदा की थी विदेश मंत्री जी देश के सेकुलर संविधान का ढांचा तोड़ना चाहती हैं |

उधर सुषमा जी के ही बीजेपी सरकार में उस समय के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकबी नें उनके गीता वाले बयान का समर्थन किया था | नकबी जी नें कहा था कि ” गीता कोई धर्म शास्त्र नहीं है बल्कि यह एक कर्म शास्त्र है ” |

सुषमा जी दिल्ली की CM व वकील भी रह चुकी हैं :

आपको बता दें कि सुषमा जी साल 1998, 13 अक्टूबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं हालांकि उनका कार्यकाल ज्यादा दिनों का नहीं था और 3 दिसंबर को ही पद से हट गयी थीं |

उनकी शादी कौशल स्वराज जी से हुई थी और वो भी सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं | उधर सुषमा जी साल 1973 में सुप्रीम कोर्ट की वकील भी बनी थीं |

 

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