जलालाबाद: वर्षो पुरानी मांग को पूरा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने भगवान परशुराम जी के जन्मस्थल को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है। भगवान परशुराम की जन्मस्थली जलालाबाद में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के कैबिनेट मंत्रियों ने दौरा भी किया गया।
पर्यटन मंत्री के आने का कार्यक्रम सरकार द्वारा निर्धारित किया गया था। जिसमें सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद जनपद के कई विधायक ददरौल से मानवेंद्र सिंह ,पुवायां से चेतराम , विधान परिषद सदस्य डॉ सुधीर गुप्ता, जलालाबाद के नवनिर्वाचित विधायक हरि प्रकाश वर्मा भी पहुंचे थे।
जय परशुराम से गूंजा सभास्थल
भगवान परशुराम मंदिर प्रांगण में आयोजित जनसभा में परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल घोषित करते हुए कहा कि इस स्थान के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र सरकार से भी सहयोग लेंगे तथा प्रदेश सरकार के पहले वित्तीय वर्ष के बजट से आवंटित धन यहां विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। मंत्री की इस घोषणा के बाद पूरा सभास्थल तालियों की गड़गड़ाहट और जय श्री परशुराम के उद्घोष से गूंज उठा।
साथ ही कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि परशुराम नगरी के उत्कर्ष विकास के लिए अतिशीघ्र ही बजट पेश किया जायेगा।
परशुराम जी थे भगवान विष्णु के छठे अवतार
परशुराम राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और भृगुवंशीय जमदग्नि के पुत्र थे। वे विष्णु के अवतार और शिव के परम भक्त थे। इन्हें शिव से विशेष परशु प्राप्त हुआ था।
इनका नाम तो राम था, किन्तु शंकर द्वारा प्रदत्त अमोघ परशु को सदैव धारण किये रहने के कारण ये परशुराम कहलाते थे। परशुराम भगवान विष्णु के दस अवतारों में से छठे अवतार थे, जो वामन एवं रामचन्द्र के मध्य में गिना जाता है।
जमदग्नि के पुत्र होने के कारण ये ‘जामदग्न्य’ भी कहे जाते हैं। इनका जन्म अक्षय तृतीया, (वैशाख शुक्ल तृतीया) को हुआ था। अत: इस दिन व्रत करने और उत्सव मनाने की प्रथा है।