पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में एससी एसटी एक्ट का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जहां एक 6 वर्ष के बच्चे को एससी एसटी एक्ट में फसा दिया गया। घटना जलालगढ़ थाना के बेगमपुर गांव की है जहां बच्चे के पिता का किसी बात पर एक व्यक्ति से विवाद हो गया था जिसमे तीन बच्चो को एससी एसटी एक्ट में नामजद कर दिया गया।
इंसाफ की गुहार लगाने एसपी कार्यालय पहुंचे 6 वर्षीय सलमान ने पूरी आपबीती पत्रकारों को बताई। सलमान ने बताया कि उसके पिता का गाँव के ही कुछ लोगो के साथ विवाद हो गया था जिसमे उसके पिता के साथ लोगो ने मारपीट भी करी थी। जिसमे मुकदमा दायर कर उसका नाम भी लिखवा दिया गया था।
आगे पत्रकारों को उसके पिता एजाज आलम ने बताया कि उनका गाँव के ही जगदीश मालाकार से कई वर्षो से भूमि विवाद चल रहा था।
इसी क्रम में जगदीश ने अपने मजदुर को पैसे देकर उनपर एससी एसटी एक्ट का मुकदमा कायम करा दिया। मजदुर वीरेंद्र ऋषि ने एजाज आलम पर एससी-एसटी थाने में मारपीट और गाली-गलौज का आवेदन देकर केस दर्ज कराया है।
मुक़दमे में ऋषि ने उनके 6 साल, 12 साल औऱ 16 साल के तीन बच्चों को भी फसा दिया है जिसके बाद आनन फानन में वह भाग कर एसपी कार्यालय पहुंचे है।
वही बच्चे ने बताया कि उसे पुलिस से डर लगता है इसलिए एसपी अंकल के यहाँ आया हु।
एजाज आलम की शिकायत को एसपी ने सुनते हुए जाँच कर कार्यवाई का भरोसा दिया है। साथ ही सदर एसडीपीओ आनंद पांडेय ने कहा कि कानून के अनुसार सात साल से कम उम्र के बच्चे पर केस नहीं हो सकता।
सात साल से 12 साल के बीच के बच्चे का मेच्योरिटी देखा जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के केस की उन्हें जानकारी नहीं है। अगर ऐसा होगा तो इसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
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एससी एसटी एक्ट काला कानून है।