महाराष्ट्र(मुंबई) : मराठा आरक्षण को लेकर चल रही अनबनों के बाद फडणवीस सरकार सूबे में खाली पड़ी 72000 सरकारी नौकरियों को भरने का मूड बना चुकी है। महाराष्ट्र में लम्बे समय से आरक्षण कि मांग कर रहे मराठाओ को लुभाने के लिए सरकार ने बीते हफ्ते ही 16 प्रतिशत आरक्षण दिया था और यह आरक्षण ओपन केटेगरी के शेष 42 प्रतिशत में से दिया गया था जिसके बाद सूबे में आरक्षण बढ़ कर 68 प्रतिशत पर पहुँच गया है।
आपको हम बताते चले कि सरकार ने बीते बजट में घोषणा कि थी कि सूबे कि खाली पड़ी 72000 हजार नौकरियों को दो साल के भीतर दो चरणों में भरा जायेगा।
परन्तु PTI कि रिपोर्ट के मुताबिक सरकार हाई कोर्ट में मराठा आरक्षण पर स्टे लगने से पहले इन सभी पदों को भरना चाह रही है ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में वह मराठो के भारी भरकम वोट बैंक को बटोर सके।
सरकार लोक सभा कि अचार सहिंता लागू होने से पहले सभी भर्तियों को अंजाम देना चाहती है यानी कि फरवरी 2019 से पहले। भर्तियों को जल्द से जल्द अंजाम देने के लिए बाकायदा वॉर रूम बनाया गया है जिसमे सिर्फ भर्तियों से सम्बंधित कार्य अंजाम दिए जायेंगे।
राज्य सचिवालय कि सातवीं मंजिल पर यह वॉर रूम बनाया गया है जहा पर भर्ती सम्बंधित एक मीटिंग भी कि जा चुकी है।
सरकारी अफसरों के अनुसार सरकार कि तरफ से सख्त आदेश दिए गए है कि मराठा आरक्षण पर हाई कोर्ट के स्टे से पहले सभी भर्तियां निपटा ली जाये ताकि चुनावो में मराठा वोट बटोरे जा सके, आपकी जानकारी के लिए बताते चले कि सूबे में 33 प्रतिशत आबादी मराठा है जो सरकार बनाने में अहम रोल अदा करते है।
मराठा आरक्षण को लेकर 10 दिसंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई तय कि गई है जिसमे सरकार कि तरफ से विरोध पत्र दाखिल कर कहा गया है कि कोई निर्णय लेने से पहले सरकार को सुना जाए, विशेषज्ञ इसे सरकार कि इसी चाल से जोड़ कर देख रहे जिससे कोर्ट कि प्रक्रिया को धीमा कर जल्द से जल्द नए आरक्षण के तहत भर्ती कर ली जाये।