नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमे एक डॉक्टर सभी से घर बैठे कोरोना वायरस के होने का पता लगाने का दावा कर रहे है। वीडियो में डॉक्टर कहते हुए सुनाई पड़ रहे है कि अगर आप अपनी सांस को अपने नियमित समय तक रोक लेते है तो आपको कोरोना नहीं है। वही डॉक्टर दावा कर रहे है कि कोरोना के मरीज 2 से 3 सेकंड तक भी अपनी सांस नहीं रोक सकते है।
जाँच करने के लिए हमने कोरोना के मरीजों के सिम्प्टम टटोलने शुरू किये। कही भी यह नहीं लिखा था कि आप अगर अपनी सांस दो से तीन सेकंड भी नहीं रोक पा रहे हो तो आपको कोरोना है।
वही बेलोर कॉलेज ऑफ़ मेडिसिन में इन्फेक्शन बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर डॉ रोबर्ट लेगारे अतमार ने इसे तर्कहीन बताया है। अमेरिकी मीडिया CNN को दिए अपने इंटरव्यू में डॉ रोबर्ट ने बताया कि ऐसा बिलकुल सत्य नहीं है कि कोरोना मरीजों को दो से तीन या 10 सेकंड तक भी सांस रोकने में तकलीफ होती है। शुरूआती फेज में मरीज ऐसा करने में सक्षम है इसलिए सिर्फ इसी सहारे बैठना आपकी जान ले सकता है।
वही प्रेस एजेंसी AP ने भी इसपर प्रकाश डालते हुए इसे फर्जी करार दिया है। AP ने अपने लिखा कि सोशल मीडिया पर यह तेजी से फैलाया जा रहा कि मानव फेफड़े कोरोना होने पर 10 सेकंड भी सांस रोकने में अक्षम है। आगे न्यूज़ एजेंसी ने बताया कि इससे आप फेफड़े सम्बंधित कोई बिमारी को पकड़ने में मदद ले सकते है लेकिन कोरोना वायरस का इससे पता नहीं लगाया जा सकता है इसलिए तय सिम्पटम्स को ही ध्यान में रख कर डॉक्टर के पास जाये।
हमारी जाँच में यह कहना कि 10 सेकंड तक सांस रोकने में नाकाम रहने पर ही कोरोना है बिलकुल असत्य व तर्कहीन निकला। अतः ऐसी फर्जी खबरों में विश्वास न करे व सरकार या WHO द्वारा तय मानकों को ही आधार माने।