गुजरात(ब्यूरो) : मायावती के ANI न्यूज़ एजेंसी को दिए एक इंटरव्यू पर आज दिन भर बवाल मचा रहा। दरअसल मायावती ने ANI को दिए अपने बयान पर चीन सीमा विवाद मामले में अपना समर्थन मोदी सरकार को देने की बात कही है।
वहीं कांग्रेस पर मामले पर राजनीती करने का आरोप भी लगाया है। बीते कुछ दिनों से बसपा सुप्रीमो मायावती बीजेपी को भरपूर समर्थन दे रहे थी जिसके बाद कांग्रेस व कई दलित नेताओं ने मायावती को बीजेपी की बी टीम तक बता डाला था।
राजनितिक पंडितो की माने तो बसपा का भाजपा के प्रति दिन दोगुना रात चौगुना बढ़ता प्यार आगे गठबंधन बनाने की अटकलों को हवा दे रहा है।
आपको बता दे कि बसपा सुप्रीमो का बीजेपी के लिए निकला यह समर्थन कोई नया नहीं है इससे पहले भी वर्ष 2002 के चुनावो में बीजेपी को बसपा ने पूर्ण समर्थन तक दे दिया था।
दरअसल फरवरी से मई तक चले गुजरात दंगो के बाद कांशीराम के नेतृत्त्व में बसपा ने बीजेपी को समर्थन दिया था। गुजरात दंगो में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 790 मुसलमान व 254 हिन्दू मारे गए थे जिसके बाद पुरे भारत में उस वक़्त के सीएम व आज के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर दंगे कराने का आरोप लगा था। हालाँकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी।
2002 में कांग्रेस की बजाये बीजेपी के प्रचार प्रसार में उतरी थी मायावती
उत्तरप्रदेश की मौजूदा सीएम रही मायावती व बसपा के अध्यक्ष कांशीराम जी ने बीजेपी को दंगो के बाद चुनावो में अपना समर्थन देकर दलितों को बीजेपी के पक्ष में वोट करने के लिए अपील की थी।
गुजरात की कुल 182 सीट में से 31 सीटों पर बसपा ने अपने प्रत्याशियों को उतारा था वहीं शेष बची सीटों पर बीजेपी को पूर्ण समर्थन दे दिया था। जिसके बाद मायावती, मोदी व अटल बिहारी बाजपेयी जी को एक मंच पर देखा गया था।
उस वक़्त मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा था कि गुजरात में बसपा का अच्छा खासा वोट बैंक मौजूद है लेकिन इतना भी नहीं है कि वह अपने बुते पर सरकार बना ले इसलिए जहां पर हमारे प्रत्याशी नहीं उतारे गए है वहां पर हम भाजपा को अपना समर्थन दे रहे है।
आपको बता दे कि समर्थन देने के लिए बाकायदा कांशी राम व मायावती ने सूरत व अहमदाबाद में दो महत्त्वपूर्ण मीटिंग भी करी थी।
नरेंद्र मोदी पर दंगे के आरोपों को मायावती ने बताया था झूठा
कांग्रेस पर बरसते हुए 2002 में यूपी कि सीएम रही मायावती ने कांग्रेस द्वारा मोदी पर लगाए सभी आरोपों को झूठा करार दिया था। उन्होंने साथ ही पूछा था कि आखिर क्यों मोदी दंगे कराएँगे?
इसी के साथ मायावती ने नरेंद्र मोदी को गुजरात के सीएम के तौर पर बसपा का समर्थन दे दिया था।
दिल्ली दंगो के बाद से लगतार फिर दे रही है भाजपा को समर्थन
दिल्ली व गुजरात दंगो के बाद बसपा का भाजपा को दिए जाने वाले समर्थन को आप अगर उलट पलट कर देखेंगे तो पाएंगे कि दोनों जगह बसपा ने लगभग एक जैसा पैटर्न फॉलो किया है।
हमारी टीम ने पाया कि दोनों दंगो के बाद मायावती का पोलिटिकल झुकाव भाजपा कि ओर अधिक देखा गया है। वहीं कांग्रेस पर भी दोनों दंगो के बाद मायवती जमकर बरसती हुई दिखाई पड़ी है।
चीन भारत सीमा झड़प पर भी मायावती ने नरेंद्र मोदी को अपना खुल्ला समर्थन दिया है। समर्थन के साथ ही मायावती ने कांग्रेस पर देश व्यापी मुद्दों पर घटिया राजनीती करने का भी आरोप लगाया है।
ज्ञात हो कि दोनों दंगो में ही मुस्लिम अधिक संख्या में मारे गए है लेकिन दोनों ही मुद्दों पर मायावती को अधिक हो हल्ला न करते हुए भाजपा के पाले में खड़ा पाया गया है। इस पर भी चर्चा जरूर जोर पकड़ेगी कि आखिर मायावती व बसपा कौन सी राजनितिक विचारधारा से आगे बढ़ रही है।
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Why Aarushi Kapoor is writing this piece?
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