जिस ताहिर हुसैन ने कबूला ‘राममंदिर पर हिंदुओं को सबक सिखाना चाहते थे’ उसका भीमआर्मी ने किया बचाव

नई दिल्ली: जिस ताहिर हुसैन ने PFI व अन्य मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर दंगे करवाए उसका भीम आर्मी बचाव करती थी।

दिल्ली दंगों का आरोपी व निष्कासित AAP पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली पुलिस के सामने कबूलनामे से सबको हैरान कर दिया है। हमारी टीम ने दिल्ली दंगों से जुड़े भीम आर्मी के बारे में रिपोर्ट तैयार की है जिसका दंगे भड़काने में चार्जशीट में नाम आ चुका है।

भीम आर्मी ने लगातार दिल्ली दंगों के आरोपियों को बचाव किया था वहीं जिस दिल्ली भीम आर्मी के मुखिया हिमांशु वाल्मीकि के नेतृत्व में दंगों के दौरान सुयोजित विरोध प्रदर्शन करने की बात जार्चशीट में कही गई थी उसने भयंकर दंगों की साजिशकर्ता व IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्यारोपी ताहिर को लेकर सोशल मीडिया पर बचाव किया था।

भीम आर्मी नेता ने ताहिर ही नहीं बल्कि दंगों के अन्य आरोपी इशरत जहां व शाहरुख खान का भी बचाव किया था। हिमांशु ने दावा करते हुए कहा था “43 मौतें, 16 मस्जिद 4 मदरसा 2 दरगाह जला दिए गए
2 लाख CCTV कैमरा ने सिर्फ 3 अपराधी पकड़े ताहिर इशरत शाहरुख कमाल की दिल्ली।”

पुलिसकर्मी रतल लाल केस की चार्जशीट में भीम आर्मी नाम:

दिल्ली दंगों को लेकर अब कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के चांद बाग़ इलाके में हुए दंगे में पुलिस कांस्टेबल रतन लाल मर्डर केस की चार्जशीट में जामिया कॉर्डिनेसन कमेटी की सफूरा जरगर सहित भीम आर्मी का नाम आया है। आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से मामले की जांच के दौरान यह पाया गया है कि दिसंबर में हुए नॉर्थ ईस्ट के दंगों के साथ एक संबंध है जो बाद में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में फैल गया। इसमें चांद बाग में दंगा भी शामिल था।

चार्जशीट में सफूरा जरगर और स्थानीय मुस्लिम प्रदर्शनकारियों जैसे कई साजिशकर्ताओं के बीच एक गहरी साजिश का दाव किया गया है। आरोपपत्र में लिखा गया है कि 23 और 24 तारीख की रात षड्यंत्रकारियों और दंगाइयों के बीच एक गुप्त बैठक हुई थी और इस बैठक के बाद दंगे भड़क गए थे, जिसके परिणामस्वरूप पुलिसकर्मी रतन लाल की हत्या भीड़ ने की थी। आरोप पत्र में भीम आर्मी का जिक्र करते हुए पुलिस ने लिखा कि भीम आर्मी ने रोक के बावजूद पूर्व नियोजित और अवैध रूप से चांद बाग से राजघाट तक मार्च शुरू किया था। यह लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए किया गया था, जबकि पुलिस की तरफ से भीड़ को मार्च करने की अनुमति नहीं थी।

Role of Bhim Army, JCC Member and others, chargesheet by delhi police

दिल्ली में लगातार 4 दिन हुई हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी । मामले पर दिल्ली पुलिस के अनुसार सीएए का विरोध कर रहे भीम आर्मी के समर्थकों द्वारा रविवार 23 फरवरी शाम सीएए समर्थकों पर पत्थर चलाए जाने से इस दंगे की चिंगारी उठी थी।

दिल्ली दंगों में भीम आर्मी की सुनियोजित भूमिका: रिपोर्ट

फरवरी माह के अंत में दिल्ली में हुए दंगों में भीम आर्मी का जिक्र पुलिस की चार्जशीट में हुआ है। वहीं हिंदुस्तान अखबार की 29 फरवरी की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार दो पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि हमने मामले की जांच कर रही एसआईटी को जानकारी दी है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में ये बवाल शनिवार रात तब शुरू हुआ जब सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे लोगों ने जाफराबाद मेन रोड को ब्लॉक कर दिया। पुलिस के अनुसार CAA समर्थकों पर पहला पत्थर भीम आर्मी के सदस्यों की ओर रविवार 23 फरवरी शाम 4.42 बजे फेंका गया था।

पुलिस ने भीम आर्मी के दिल्ली प्रमुख हिमांशू वालमिकी की पहचान की थी और दावा है कि उसने रविवार शाम 23 फरवरी 6 बजे तक और अधिक भीड़ को जुटाया था। इसी सब के चलते मौजपुर और कर्दमपुरी में पत्थरबाजी के कई मामले सामने आ गए। भीम आर्मी ने शनिवार 22 फरवरी को जाफराबाद में सीएए के खिलाफ भारी भीड़ जुटा ली जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं।

वहीं फ़लाना दिखाना की रिसर्च टीम ने 22-23 फरवरी को भीम आर्मी के दिल्ली प्रमुख हिमांशु वाल्मीकि की भूमिका को लेकर पड़ताल की तो उनके खुद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से CAA समर्थन कर रहे कपिल मिश्रा व उनके समर्थकों को धमकियां दी गईं थीं। हिमांशु नें CAA समर्थकों पर आरोप लगाकर कहा था कि “मैं भीम आर्मी की पूरी टीम के साथ जाफराबाद पहुंच रहा हूँ, तुझसे तो क्या तेरे बाप से भी नहीं डरते, आजा मैदान में।”

अगले बयान में भीम आर्मी नेता हिमांशु नें जाफराबाद मेट्रो के बाहर रात 12 बजे विरोध प्रदर्शन आयोजित करा जिसमें काफी महिलाएं थीं, फोटो शेयर की थी।

हालांकि इसके पहले भी दिल्ली दंगो के दौरान अलीगढ़ हिंसा मे PFI व भीम आर्मी की भूमिका की रिपोर्ट आई थीं

उधर हाल में ताहिर हुसैन ने दिल्ली पुलिस के सामने अपने लिखित कबूलनामे में हिन्दू धर्म के खिलाफ बड़ी साजिश की योजना का खुलासा किया है।

उमर खालिद, PFI, खालिद सैफी के साथ बनाई दंगों की योजना: 

कबूलनामे में ताहिर ने कहा कि “मेरे जानकर खालिद सैफी ने कहां कि तुम्हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है जिसका इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ और कौम के लिए करेंगे. मैं इसके लिए हमेशा तैयार रहूंगा. कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद खालिद सैफी मेरे पास आया और बोला की इस बार अब हम चुप नहीं बैठेंगे. इसी बीच राम मंदिर का भी फैसला आ गया और CAA कानून भी आ गया अब मुझे लगा कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है.अब तो कुछ कदम उठाना पड़ेगा.”

ताहिर हुसैन ने आगे बताया, “8 जनवरी को खालिद सैफी ने मुझे JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग में PFI के दफ्तर मे मिलवाया था. जहां उमर खालिद ने बोला कि वह मरने-मारने को राजी है. वह अपनी कौम के लिए कुछ भी कर सकता है. वहीं खालिद सैफी ने कहा कि PFI का सदस्य दानिश है जो हिंदुओं के खिलाफ जंग में ( PFI ) हमारी फाइनेंशियल पूरी मदद करेगा.”

ताहिर हुसैन ने कहा, “PFI के दफ्तर में हमने प्लान बनाया कि दिल्ली में कुछ ऐसा करेंगे की यह सरकार हिल जाए और सरकार CAA विरोधी कानून वापस लेने को मजबूर हो जाए. खालिद सैफी का काम लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने का था. और मुझे टास्क दिया गया था की मैं ज्यादा से ज्यादा कांच की बोतल, पेट्रोल, तेजाब, पत्थर, इकट्ठा कर अपने घर की छत पर रखूं.”

ताहिर ने बताया है, “खालिद सैफी ने अपने जानकारों की मदद से लोगों को सड़कों पर इकट्ठा कर धरने प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया. खालिद सैफी ने अपनी दोस्त इशरत जहां के साथ मिलकर सबसे पहले शाहीन बाग की तर्ज पर खुरेजी में धरना प्रदर्शन शुरू करवाया. फिर जगह-जगह धरने प्रदर्शन शुरू हो गए.”

ताहिर ने खुलासा किया है कि “4 फरवरी को अबू फजल इंक्लेव में मेरी खालिद सैफी से दंगों की प्लानिंग को लेकर मुलाकात हुई. उमर खालिद ने कहा कि पैसो की चिंता न करें, उसके लिए PFI, जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी, कई राजनीतिक लोग, वकील, अन्य मुस्लिम संगठन हमारी मदद कर रहे हैं. तय किया गया की CAA विरोधी धरने पर बैठे लोगों को भड़का कर चक्का जाम करवाया जाए.”

ताहिर ने बताया, “अगर पुलिस या दूसरे धर्म के लोग इसको रोकेंगे तो हम अपने लोगों को भड़का कर दंगे शुरू करवा देंगे. खालिद सैफी ने बोला कि डोनाल्ड ट्रंप के विजिट के वक्त ही कुछ बड़ा करना है ताकि सरकार घुटने टेक दे.”

ताहिर ने कहा, “मैंने अपनी तैयारी के बारे में बताया​ कि मैंने कबाड़ी से शराब और कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलें लेकर छत पर इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. वहीं घर के पास चल रही कंस्ट्रक्शन साइट से पत्थर इकट्ठा कर छत पर रखवा रहा हूं. अपनी चारों गाड़ियों में फुल पेट्रोल डीजल भरकर ले आऊंगा ताकि बोतलों में पेट्रोल डीजल भरकर बम की तरह उसे वक्त आने पर इस्तेमाल किया जाए. मैं अपने मजदूरों को तैयार कर रहा हूं दंगों में बम फेंकने और पथराव करने के लिए.”

ताहिर हुसैन ने कबूला ​है कि “17 फरवरी 2020 को उमर खालिद ने ट्रंप की विजिट के दौरान लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी मुझे तेजाब भी इकट्ठा करने को कहा गया था ताकि उसे पुलिस पर फेंका जा सके. मैंने अपनी छत पर बहुत मात्रा में तेजाब, पट्रोल, डीजल, पत्थरों को भी इकट्ठा कर रख लिया था. मैंने अपनी पिस्टल जो थाने में जमा थी उसे भी दंगो में इस्तेमाल करने के लिए छुड़ा लिया था”

ताहिर ने बताया, “24 फरवरी को योजना के मुताबिक मैंने पहले से ही अपने घर छत पर पड़ोसी के चांद बाग मे रहने वाले अरशद कय्यूम, मोनू, अपने दफ्तर के पास रहने वाले गुलफाम, जिसके पास अपनी पिस्टल भी थी. शरद अहमद हाजी मूंगा नगर के लियाकत अली उसके बेटे रिशाद अली, दयालपुर के मोहम्मद रियान अरशद और अपने यहां काम करने वाले इलेक्ट्रिशयन मोहम्मद आबिद एकाउंटेंट, मोहम्मद शादाब, राशिद सैफी अब अपने भाई शाह आलम को बुला रखा था. यह बताया था कि कैसे और कब पत्थर, पेट्रोल बम, और बोतलों में तेजाब भरकर छत से नीचे फेंकना है.”

ताहिर ने ये भी बताया कि “इस समान का इस्तेमाल केवल पुलिस वालों और एक दूसरे समुदाय के लोगो के खिलाफ करना है. अपने समुदाय के लोगों, महिलाओं, बच्चों को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए 24 फरवरी 2020 को दिन मे करीब डेढ़ बजे हमने खूब पथराव आगजनी करवाई. जानबूझकर मैंने अपने घर के बाहर और छत पर लगे सीसीटीवी के तार कटवा दिए थे ताकि कोई सबूत न रहे. मैंने अपने बच्चों परिवार की दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था. खुद भी दूसरी जगह था. और खालिद सैफी के कहने पर जानबूझकर पुलिस को बार-बार फोन कर रहा था ताकि मुझ पर शक न जाए.”

ताहिर ने बताया, “मैंने, मेरे भाई शाह आलम और एक अन्य ने मेरी छत से फायरिंग भी की थी. फिर मैं अलग-अलग जगह छुपता रहा. बाद में पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया था. मैंने, खालिद सैफी और उमर खालिद ने अपने जानकारों के साथ इन मिलकर दंगो की साजिश रची थी.”


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