रापर: गुजरात के रापर में बामसेफ का झंडा बुलंद करने वाले दलित एक्टिविस्ट व वकील देवजी भाई माहेश्वरी की हत्या में 3 दलित सहित 9 लोगो को नामजद किया गया है। गुजरात में बामसेफ का चेहरा माने जाने वाले देवजी भाई बड़ी मुखरता से ब्राह्मणो व हिन्दुओ के खिलाफ अपनी मुहीम को आगे बढ़ा रहे थे जिसके चलते बीते कई दिनों से इन्हे जान से मारने की धमकिया भी मिल चुकी थी। उनकी आखरी फेसबुक पोस्ट (जोकि उनकी हत्या से एक दिन पहले की है) में भी इन्होने ब्राह्मणो पर ही आग उगला था।
आपको बता दें कि देवजी भाई की हत्या शुक्रवार को उनके ऑफिस में हुई थी जहां CCTV फुटेज में एक लड़के को मृतक के पीछे जाते देखा गया था। पुलिस को शक था कि इसी लड़के ने देवजी भाई की हत्या करी होगी जिसके बाद मुंबई पुलिस की मदद से धवल रावल को मलाड से पकड़ा गया।
वहीं मृतक के परिजनों ने देवजी भाई की हत्या को एक साजिस बताया व कहा कि उनकी हत्या में धवल रावल को हत्या करने के लिए पैसे दिए गए थे बल्कि मुख्य आरोपी तीन दलित सहित 9 लोग है।
देवजी भाई की हत्या को भी मुख्य मीडिया ने हत्यारोपी धवल को ऊँची जाति से जोड़ते हुए जातीय रंग देने का खूब प्रयास किया लेकिन परिजन इसे लगातार नकारते रहे व तीन दलित सहित 9 आरोपियों को गिरफ्तार करने की जिद्द पर अड़ गए है।
वहीं मृतक की पत्नी मीनाक्षीबेन ने तब तक शव को लेने से मना कर दिया है जबतक तीनो दलित सहित बाकि आरोपी भी गिरफ्तार नहीं किये जाते है। साथ ही लोकल दलित संगठनों ने भी मीडिया रिपोर्ट को नकारते हुए कहा कि द इंडियन एक्सप्रेस जैसे समाचार पत्र मुख्य आरोपी को जाति के मुताबिक बचाने में जुट गए है जबकि परिजन गला फाड़ फाड़ कर अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने पर अड़े हुए है। जिसके चलते उन्होंने शव को लेने से भी मना कर दिया है।
देवजी भाई ब्राह्मिनो फोबिया से थे ग्रस्त
देवजी भाई माहेश्वरी की पोस्ट देखने पर हमने पाया कि वह आये दिन ब्राह्मणो व हिन्दू धर्म पर जहर उगल रहे थे। उनकी हर पोस्ट में समाज में जहर घोलने का पूरा माद्दा था। ऐसे में कच्छ जिले के सभी जातियों के हिन्दू उनसे नाराज रहते थे। उनकी पोस्ट उनके पेशे से कोसो दूर दिखाई पड़ती थी।
परिवार वालो ने कहा प्रॉपर्टी मामले में करी गयी हत्या
मृतक के परिजनों का कहना है कि देवजी भाई की हत्या प्रॉपर्टी कारणों के लिए की गयी है जिसमे रावल को पैसे दिए गए थे। 9 आरोपियों में जयसुख लुहार, खिमजी लुहार, धवल लुहार, देवभा सोढा, विजयसिंह सोढा, मयूरसिंह सोढा व लोग शामिल है।
वहीं IG J R मोथालिया ने बताया कि मृतक दलित समुदाय से था व परिवार वालों ने तब तक शव को अपनाने से मना कर दिया है जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता है।
Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem