मिदनापुर: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पूर्वी मिदनापुर में पुलिस हिरासत में कथित रूप से एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत का मामला सामने आया है। जिसको लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय के शुक्रवार को शव के दोबारा पोस्टमार्टम के आदेश दे दिया है।
इस घटनाक्रम के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक लहर पैदा कर दी है।बता दें कि अदालत का निर्देश राज्य भाजपा द्वारा दायर एक याचिका पर आया है, जिसमें मदन घोरुई की ‘पुलिस हिरासत’ में मौत के पीछे संदिग्ध भूमिका थी।
दोबारा पोस्टमार्टम की हो वीडियोग्राफी: कोर्ट
मदन, पूर्वी मिदनापुर के पटसपुर से बीजेपी के एक बूथ कर्ता गुरूवार को मृत पाए गए थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पुन: पोस्टमार्टम का आदेश दिया और निर्देश दिया कि इसका वीडियो-ग्राफ होना चाहिए। इस मामले पर 20 अक्टूबर, 2020 को फिर से सुनवाई होगी।
भाजपा के कानूनी सेल प्रभारी ब्रजेश झा ने कहा कि “हमने कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ के समक्ष एक याचिका दायर की थी और मदन घोरी के शरीर के पुन: पोस्टमार्टम के लिए अनुरोध किया था। हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं।”
पुलिस ने मेरे भाई को मार दिया: पीड़ित के भाई
मीडिया से बात करते हुए, मदन के भाई, स्वपन घोराई ने कहा, “मेरे भाई को पटियापुर पुलिस ने मामले को समझाए बिना उठाया था। उसके बाद हम उसके ठिकाने के बारे में पता कर रहे थे। बाद में, हमें पता चला कि वह पुलिस हिरासत में मर गया।”
स्वपन ने कहा, “पुलिस ने मेरे भाई को हिरासत में मार दिया और हम आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं। उन्होंने मेरे भाई को टीएमसी नेताओं के निर्देश पर मार दिया और हम कलकत्ता उच्च न्यायालय से न्याय चाहते हैं।”
पुलिस हिरासत में राजनीतिक हत्या: विजयवर्गीय
मदन की मौत पर बंगाल भाजपा प्रभारी व वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने टीएमसी पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि “पश्चिम बंगाल में भाजपा के बूथ उपाध्यक्ष श्री मदन घोड़ई की पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई! पुलिस ने उन्हें झूठे मामलों में घर से गिरफ्तार किया और हिरासत में पुलिस ने इतनी पिटाई की, कि उनकी मौत हो गई! ये सब ममताजी और TMC की शह पर हुआ है।”
मामले की हो CBI जांच: भाजपा सांसद
सीबीआई जांच की मांग करते हुए, भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा, “हर दिन पश्चिम बंगाल पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों का सामना करके मार रही है। हमने एक और कार्यकर्ता को खो दिया और हम मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। खुद को बचाने के लिए और तथ्यों को दबाने के लिए। पुलिस अब यह दावा कर रही है कि वह कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ थीं और बीमारियों के कारण उनकी मृत्यु हो गई। यह सच नहीं है।”
पिछले दिनों भाजपा नेता व अधिवक्ता मनीष शुक्ला की हत्या सहित हाल के महीनों में, बंगाल में एक भाजपा सदस्य की मौत की यह पांचवीं घटना है।